आगरा(ब्यूरो)। डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जहां वैध और अवैध दोनों तरीके के कामों को अंजाम दिया जाता है। इंटरनेट का 96 फीसद हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब के अंदर आता है। हम इंटरनेट कंटेंट के केवल 4 फीसदी हिस्से का इस्तेमाल करते है, इसे वेब कहा जाता है।
डार्क वेब पर मिलती हैं बैन्ड चीजें
डीप वेब पर मौजूद कंटेंट को एक्सेस करने के लिए पासवर्ड की जरूरत होती है, इसमें ई-मेल, नेट बैंकिंग, आते हैं। डार्क वेब को खोलने के लिए टॉर ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है। डार्क वेब पर ड्रग्स, हथियार, पासवर्ड, चाइल्ड पॉर्न जैसी बैन चीजें मिलती हैं। फिर वो कोई डिवाइस क्यों न हो।
सिक्योरिटी सिस्टम हैक, किया अनलॉक
शातिर वाहन चोर इस डिवाइस का इस्तेमाल लग्जरी वाहनों के लॉक को तोडऩे में करते हैं। इस डिवाइस के इस्तेमाल से आसानी से वाहनों का लॉक टूट जाता है। साइबर एक्सपर्ट सुल्तान सिंह बताते हैं कि ये एक हाईटेक डिवाइस है, इसको चाइना में ही तैयार किया जाता है। इंटरस्टेट, इंटरनेशनल वाहन चोर इस डिवाइस का यूज कर लग्जरी वाहनों का लॉक पलक झपकते ही तोड़ देते हैं। ये शातिर वाहन चोर लग्जरी कार से आते हैं, इसके बाद कुछ दूरी पर खड़ी कार का सिक्योरिटी सिस्टम हैक कर लिया, इसके बाद कार अनॅलाक हो गई।
डिमांड पर भेजते थे वेस्ट बंगाल, नॉर्थइस्ट
गैंग के बड़े वाहन चोर वारदात को अंजाम देने के बाद दूसरे राज्यों में चोरी के वाहनों को अच्छे दामों बेच दिया करते थे। अधिकतर वेस्ट बंगाल, नार्थईस्ट मेेंं डिमांड के अनुसार वाहनों को सेल कर दिया करते थे, पुलिस गिरफ्त में आए 50 हजार के ईनामी सुदान सिंह ने बताया कि हर राज्य में गैंग के सदस्य है, जो इनका सहयोग करते हैं, सभी की जिम्मेदारी तय है। एक्टिव गैंग के सदस्य इस बात का पता लगाते थे कि किसको किस वाहन की नीड है।
भदौरिया गैंग को भेजा जेल
डिप्टी पुलिस कमिश्नर सूरज राय का कहना है कि पूर्व में वाहन चोरी को लेकर भदौरिया गैंग एक्टिव रहा है। गैंग के सदस्य सुबह के समय लग्जरी वाहनों से आते थे, इसके बाद ऑन डिमांड वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद भाग जाते थे। अब तक पुलिस इस गैंग के 16 से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। इस गैंग पर शिकंजा कसने के बाद वाहन चोरी की वारदात का ग्राफ गिरा है।
हाईटेक हो गया नया गैंग
पुलिस लग्जरी वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले अधिकतर बड़े वाहन चोरों को पुलिस गैंग भेज चुकी है, ऐसे शातिर जिनका नाम पुलिस की हिट लिस्ट में नहीं था, उनके द्वारा वाहन चोरी का नया गैंग बनाया गया, वे दूसरे राज्यों में एक्टिव वाहन चोरों के संपर्क में आ गए। उन्होंंने लॉक तोडऩे की डिवाइस को लेकर चाइना के गैंग से संपर्क किया, जो उन्हें एक लैपटॉप के साइज की डिवाइस ऑनलाइन बिक्री के जरिए भारत का गैंग खरीद रहा था। इसका इस्तेमाल लग्जरी वाहन चोरी में करना शुरू कर दिया। वेस्ट बंगाल में एक्टिव गैंग ने चाइना गैंग से संपर्क कर इस डिवाइज को ऑनलाइन मंगवाया था, अब दूसरे गैंग भी इसका इस्तेमाल करने लगे।
नामी वाहन चोर
भदौरिया गैंग के मुख्य सदस्य
-ह्देश भदौरिया
-प्रदीप भदौरिया
हाईटेक लॉक तोडऩे में एक्सपर्ट
-सुदान सिंह
सुदान सिंह पर ईनाम
50,000
पुलिस ने दर्ज किए मुकदमे
50
वाहन चोर चाइना से डिवाइस मंगाने के बाद लग्जरी वाहनों के लॉक को ब्रेक कर दिया करते थे, ऐसी कई वारदात सामने आई हैं, पुलिस साइबर सेल की मदद से इनका नेटवर्क खंगाल रही है, गैंग जो चाइना से ऑनलाइन डिवाइस मंगाता था, उसका जल्द ही खुलासा किया जाएगा।
सूरज राय, डीसीपी नगर जोन