आगरा (ब्यूरो)। जिला जेल में महिला कैदियों के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए जेल प्रशासन ने किड्स जोन बनवाया है। जहां महिला बंदियों के बच्चे खेल-खेल में ए फॉर एप्पल सीख रहे हैं। छह साल से उम्र अधिक होने पर ये बच्चे बाहर के स्कूलों पढ़ाई कर सकेंगे। बच्चो के लिए बनाए गए किड्स जोन मेें उनके लिए खिलौनों के अलावा मैजिक सिलेट भी है, जो बच्चों को खूब भा रही है।
जिला जेल में छह बच्चे
जिला जेल में इस समय 150 से अधिक महिला कैदी हैं। जिनके छह बच्चे हैं। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि इनमेें से दो बच्चे जेल परिसर में पैदा हुए हैं। बच्चों को बेहतर महौल देने के लिए किड््स कार्नर खोला गया है, जिससे बच्चों के भविष्य के साथ समाज में भी सम्मान मिल सके। अक्सर कर देखा जाता है कि जेल में बंद महिला बंदी किसी न किसी अपराध में सजा काट रही हैं, ऐसे में उनके साथ रहने वाले मासूम बच्चों को भी उनके साथ रहना पढ़ता है। उनकी बेहतरी के लिए रूल्स में संशोधन किया गया है।
युवा बंदी भी नहीं पीछे
शिक्षा के अधिकार के तहत जेल में हर बंदी को शिक्षा का अधिकार है, वह जेल में रहकर भी अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में जो बंदी जिनको पढ़ाई का शौक है, उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था की गई है। वे भी पढ़ाई को लेकर गंभीर नजर आने लगे हैं। इसके साथ उनको पढऩे के लिए कॉपी, किताब की व्यवस्था भी कराई जाती है।
सकारात्मक सोच का विकास
जेल में बंदियों की स्थिति को देखकर अक्सर आंकलन लगाया जाता है कि अगर कोई जेल से छूटा है, तो समाज के प्रतिष्ठित लोग उससे दूरी बना लेते हैं, उसे पहले जैसा सम्मान नहीं देते, ऐसे में बंदियों में नकारात्मक भावना को दूर करने के लिए, जेल से छूटने के बाद वे खुद के साथ समाज में अपने व्यवहार से बदलाव ला सकेंगे, और एक सम्मान जनक जिंदगी जी सकेंगे।
जेल में महिला बंदियों के मासूूम बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए किड््स जोन बनवाया गया है, जहां बेसिक शिक्षा विभाग से नियुक्त टीचर्स बच्चों को प्ले स्कूल की तरह खेल-खेल में पढ़ाई कराते हैं।
पीडी सलोनिया, जिला जेल अधीक्षक
जिला जेल की स्थिति
जेल में महिला बंदी
150
-जेल में पांच साल से कम बच्चे
07
-विभाग द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षक
02