आगरा। सर्वे में पहला सवाल पूछा गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में देश में टॉप 15 में जगह बना पाएगा। इसमें 44 प्रतिशत लोगों ने इससे इंकार किया है। कि टॉप 15 में जगह नहीं बना पाएगा। इसके पीछे वजह प्रॉपर डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का ना हो पाना। डलावघर का ना हट पाना भी है। साथ ही ड्रेनेज की व्यवस्था न होना। वहीं 55.8 प्रतिशत ने इसके लिए सहमति जताई है कि इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के परिणाम में 15 वां स्थान बना पाएगा। लोगों का मानना है कि पहले से कई बिन्दुओं पर सुधार हुआ है।
शहर में मौजूदा सफाई व्यवस्था
सर्वे में दूसरे सवाल पर ज्यादातर लोगों ने शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इसमें 71.2 प्रतिशत लोग शहर की मौजूदा सफाई व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है। वहीं 28.8 प्रतिशत ने सफाई व्यवस्था को पहले से बेहतर बताया है। बता दें कि मार्च 2022 तक शहर से 166 स्थायी डलावघरों को हटना था। लेकिन ये काम नहीं हो सका। इसके अलावा प्लास्टिक कचरे के कलेक्शन के लिए कार्य किया जाना था। मौजूदा समय में 12 प्लास्टिक वेस्ट बैंक स्थापित हैं।
क्या डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन प्रॉपर हो रहा है।
तीसरा सवाल ये था क्या शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन प्रॉपर तरीके से हो रहा है। इस सवाल पर 61.5 प्रतिशत लोगों ने अपने जबाव में कूड़ा कलेक्शन को लेकर असंतुष्टि जाहिर की। वहीं 38.5 प्रतिशत लोगों ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को लेकर संतुष्टि जाहिर की है। बता दें कि यहां नगर निगम ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम स्वच्छता कॉरपोरेशन कंपनी को सौंप रखा है। अभी तक 76 वार्डों में ही डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम हो सका था। मौजूदा समय में डोर -टू-डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। कंपनी से संविदा पर सफाई कर्मचारी रखे थे। उनको समय से वेतन न मिलने से सफाई कर्मचारी काम छोड़ गए। इसके अलावा एक महिला सफाई कर्मचारी को सर्प ने ढस लिया था। इसके बाद सभी सफाई कर्मी एमपी मध्य प्रदेश वापस चले गए।
इन बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए आएगा परिणाम
- जनसुविधाओं की क्या स्थिति है।
- पब्लिक की समस्या का स्तर क्या है।
- सुविधाओं से पब्लिक का जुड़ाव कैसा है
- सफाई की व्यवस्था का स्तर
- यमुना प्रदूषण रोकने को क्या उपाय किए गए।
-टॉयलेट, सार्वजनिक टॉयलेट सुविधा का स्तर
- पेयजल आपूर्ति और गुणवत्ता का स्तर
- सीवर मैनेजमेंट
गत वर्षों में ये रही रैंकिंग
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में आगरा 24 वें स्थान पर रहा था, जबकि 2020 के स्वच्छ सर्वेक्षण में 16 वें स्थान पर रहा। वर्ष 2019 में 82 वें स्थान पर रहा था। वर्ष 2018 में 102 वीं रैंकिंग प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष 2017 में 263 वां स्थान मिला था। वर्ष 2016 में स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत हुई थी।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की तैयारियां शुरु
2023 के स्वच्छ सर्वेक्षण में एव्यूलेशन का पैरामीटर 9500 माक्र्स का होगा। जबकि 2022 में 7500 माक्र्स का था।
सर्विस लेवल- 4525
सर्टिफिकेशन- 2500
सिटीजन वॉयस- 2475
सेग्रीगेट कलेक्शन- 1,750
प्रोसेसिंग डिस्पोजल- 1,830
ऐसे बढ़ाए गए माक्र्स
- 10 से 13 प्रतिशत माक्र्स सेग्रीगेट डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन
- 2-10 प्रतिशत प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट
- 1- 13 प्रतिशत माक्र्स सिटीजन वॉयस
- 2 प्रतिशत वेस्ट वंडर पार्क
- 1-18 प्रतिशत स्लो स्पॉट स्वच्छता एप
- 1-5 प्रतिशत जीरो वेस्ट ईवेंट मूव्ड
1- टॉप 15 में जगह बना पाएगा आगरा
44 प्रतिशत नहीं 55.8 प्रतिशत हां
2 - शहर की मौजूदा सफाई व्यवस्था
71.2 संतुष्ट नहीें 28.8 संतुष्टि पहले से बेहतर
3- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन प्रॉपर हो रहा है
61.5 प्रतिशत नहीं 38.5 हां
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इस बार के परिणाम में बेहतर परिणाम की उम्मीद है।
-केके पांडेय, प्रोजेक्ट मैनेजर, एसबीएम