भजन संध्या से शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत भजन संध्या से हुई, जिसमें श्रीहरि की भक्ति के विभिन्न रंग बरसे। मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे, राम आएंगे, हनुमत डटे रहो आंगन में, जब तक कथा राम की होए जैसे भजनों से दशरथ महल गूंज उठा। ढोलक की थाप और मंजीरों की झंकार पर कभी राधा रानी, तो कभी श्रीहरि की महिमा के स्वर बिखरे। अवधपुरी में महिलाओं ने गीतों पर नृत्य कर माहौल को भक्तिमय और आनंदमय बना दिया। रानी कौशल्या स्वरूप ललिता शर्मा उत्सव में खुशी से गदगद थीं, जैसे उनका आवास मानो सच में अयोध्या धाम बन गया। वत्सला प्रभाकर, शीला, श्रुति सिन्हा, रजनी शर्मा, युक्ति शर्मा, ममता शर्मा, अनुराधा, स्नेहा गुप्ता, पूजा भार्गव मौजूद रहीं।
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वृद्धजन का हुआ सम्मान
सम्मान समारोह की शुरुआत राजा दशरथ स्वरूप संतोष शर्मा व रानी कौशल्या स्वरूप ललिता शर्मा ने परिवार सहित वृद्धजन को श्रीकृष्ण की मूर्ति संग श्रीरामचरित मानस भेंट कर की। संतोष शर्मा का कहना था कि राजा दशरथ बनने का सौभाग्य पाकर समाज में कुछ सकारात्मक करने का प्रयास है, जिससे युवा पीढ़ी संस्कारित हो, अपने बड़ों से जीवन को सही तरह से जीने की शैली सीखे। पद्मश्री डा। आरएस पारीक का कहना था कि प्रभु श्रीराम के स्वागत की प्रतीक्षा में अयोध्यावासी व्याकुल हैं और इस सौभाग्य का साक्षी बनकर स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। श्रीरामचरित मानस सभी समस्याओं का समाधान है। प्रत्येक घर में श्रीरामचरित मानस सामूहिक रूप से पढऩा चाहिए। प्रतिदिन पांच चौपाइयां अवश्य पढ़ें। समाज में बढ़ती अशांति और कलह का कारण संस्कारहीनता है।
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इनका हुआ सम्मान
डा। आरएस पारीक, गीता पारीक, रामलीला कमेटी के विष्णु दयाल बंसल, मोहनलाल, माया कलसी, एसके एड., डा। सुरेश चंद चतुर्वेदी, आशा चतुर्वेदी, पुष्पा श्रीवास्तव, भगवानदास बंसल, यूसी सेठ, मीता टंडन।