लॉक तोडऩे का नहीं लेते रिस्क
अक्सर थाने में आने वाली बाइक चोरी की शिकायतों में ऐसी शिकायतें आती है। लॉक तोड़कर बाइक चोरी करते हैं, लेकिन देहात क्षेत्र से शहर में एक्टिव ये गैंग चाबी लगी बाइकों को ही अपना निशाना बनाता है। बाइक चोरी करने के बाद देहात क्षेत्र में चोरी की बाइक को बेच देते हैं, लोकल में आने जाने के अलावा अन्य घरेलू कार्यों में इनका इस्तेमाल किया जाता है।
जल्दबाजी में छोड़ जाते हैं चाबी
अक्सर देखा गया है कि बाइक सवार किसी कार्य की जल्दबाजी में बाइक में चाबी लगी छोड़ जाते हैं। इसका फायदा उठाकर शातिर चोर बाइक में लगी की को ऑनकर चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। गैंग में वारदात के दौरान दो गैंग एक स्थान पर एक्टिव रहते हैं, दोनों चोर वारदात को अंजाम देने के लिए बाइक पर सवार होकर आते हैं, जिसमें से एक व्यक्ति नजर रखने का कार्य करता है, जबकि दूसरा व्यक्ति बाइक चोरी करने की वारदात के लिए चौकन्ना रहता है।
शहर और देहात में शातिरों की नजर
चाबी लगी बाइक को चोरी करने वाले शातिर शहर और देहात में चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। मंगलवार को पकड़े गए चोर ने बताया कि वे सुबह बाइक पर सवार होकर शिकार की तलाश में निकलते हैं, जहंा वे सार्वजनिक में ऐसे लोगों पर नजर रखते हैं, जो बाइक में अपनी चाबी लगी छोड़ देते हैं। शातिर गैंग अलग-अलग स्थानों पर एक्टिव रहता है।
सीसीटीवी की जद से रहते हैं दूर
चोरी की वारदात करने से पहले शातिर चोर सीसीटीवी की जद से दूर रहकर वारदात को अंजाम देते हैं। वहीं हेलमेट की आड़ में फेस को पूरी तरह कवर कर लेते हैं, वहीं अपनी बाइक के नंबर को भी छुपा लेते हैं, जिससे वारदात के बाद उनकी पहचान नहीं हो सके। चोरी के बाद बाइक को ऐसे इलाकों से ठिकाने लगाने ले जाते हैं, जहां खुला मैदान या तंग गलियां होती है, जिससे उनको आसानी से ट्रैस नहीं किया जा सके।
पल भर में ही कर देते हैं गायब
आरोपियों के पास से पुलिस को चोरी की बाइक के साथ-साथ 5 मास्टर की भी बरामद हुआ हुई है। पुलिस ने बताया कि मास्टर की से पैशन प्रो बाइक चुराते हैं। पुलिस चाबी लेकर एक पैशन प्रो गाड़ी के लॉक खोला तो महज 40 सेकंड में ही खुल गया।
हर दिन 2 बाइक का टारगेट
गैंग के सदस्य इतने शातिर हैं कि दिनभर का अपना टारगेट सेट करके चलते थे। ये लोग सुबह 10 बजे घर से तैयार होकर निकलते थे और सभी लोग एक जगह इक_ा होते थे। वहां से ये लोग प्लानिंग के बाद शहर में जोड़ा में निकलते थे। इसके बाद मास्टर-की से गाड़ी चुराकर वहां से भाग जाते थे।
1 बाइक पर मिलता था 3 हजार
गैंग में सदस्यों को एक गाड़ी चुराने पर तीन हजार रुपए मिलता है। गैंग का मास्टर माइंड उन्हें ये रुपया तब देता था जब बाइक कोई खरीद लेता था। अगर बाइक नहीं बिकती थी तो इन्हें रुपए नहीं मिलते हैं। गाड़ी नहीं बिकने पर अपने घर में खड़ी कर देते थे।
7 से 10 हजार में होता था सौदा
चोरी होने के बाद बाइक जब गैंग के मास्टर माइंड के पास आती थी तब वो मार्केट में ग्राहक तलाशने के लिए एक टीम लगाता था। मास्टर माइंड ने पुलिस को बताया कि वह बाइक एक जिले से दूसरे जिले में भी बेच देते थे। गाड़ी का सौदा 7 हजार रुपए से 10 हजार रुपए तक में तय होता था। ग्राहक नहीं मिलने पर कम दामों में बेच देते थे।
महंगे शौक और गर्लफ्रेंड पर करते हैं खर्च
आरोपियों ने बताया कि बाइक चोरी के बाद जो रुपए मिलते थे उसे ये लोग घर पर नहीं देते थे। इस रुपए को ये लोग महंगे मोबाइल, महंगे होटल और गर्लफ्रेंड को घुमाने और गिफ्ट देने में खर्च करते थे। काफी दिनों से ये गैंग सक्रिय था।
बाइक चोरी की वारदात करने वालों पर कार्रवाई की गई है। मंगलवार को पकड़े गए शातिर वाहन चोरों से पूछताछ की गई है, जिसके आधार पर ऐसे लोगों का भी पता किया जा रहा है जो चोरी की बाइक खरीदते थे।
विकास कुमार, डीसीपी