आगरा(ब्यूरो)। प्रमोद सेंगर ने बताया कि बावरिया गैंग पिछले कई दशकों से सक्रिय है। इस गैंग की खासियत यह है कि गैंग के सभी सदस्य सामूहिक रूप से अपराध करते है। गैंग के सभी मेंबर कम कपड़ों में वारदात को अंजाम देते हैं। उनके हाथों में हथियार के नाम पर केवल लाठी ही होती थी जिसे स्पेशली तैयार किया जाता है। सबसे अजीब बात यह है कि जिस मकान में वारदात को अंजाम देते थे वहां पर वे शौच जरूर करते थे। अंधविश्वासी इतने कि अगर घटना को अंजाम देने निकलते थे और कुत्ते के रोने की आवाज सुन लेते थे तो वारदात को टाल देते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वारदात वाले घर में वे खून जरूर बहाते है। खून को काफी शुभ मानते है।


बबरिया गैंग ने बदला स्टाइल
समय बदलने के साथ ही बावरिया गैंग ने वारदात करने का तरीका भी बदल दिया है। हालांकि गैंग अब भी संगठित रूप से वारदात को अंजाम देता है। गैंग के मेम्बर जींस टीशर्ट में दिखते हैं। अब पिस्टल और बम भी रखते हैं लेकिन पुराने हथियारों को भूले नहीं हैं। लेकिन खून बहाना आज भी उनकी फितरत में शामिल है। लग्जरी गाडिय़ों के साथ वे लोडर का यूज करते हैं ताकि लूट का सामान लेकर भाग सकें।


रोड पर टेंट नहीं, किराए पर लेते हैं फ्लैट
बावरिया गैंग चांद की पूजा करते हैं। वे रात के अंधेरे में वारदात को अंजाम देते हैं। शायद यही वजह है कि वे चांद की पूजा करते हैं। बावरिया गैंग की कार्यशैली के साथ-साथ जीवन शैली भी बदल गई है। अब वह रोड किनारे टेंट लगाकर नहीं रहते बल्कि किराए पर फ्लैट और मकान लेकर रहते हैं। भाषा भी सामान्य होती है।

वारदात के बाद पैदल ही गायब होते हैं
वारदात बावरिया गैंग जिस एरिया में वारदात करते है, उसके आसपास इलाके में पांच दिन के भीतर दोबारा अटैक करते हैं। अधिकतर वारदात हाईवे और बाहरी एरिया में करते है। वारदात को अंजाम देकर वे पैदल ही गायब हो जाते हैं। पहले से ही रोड पर तैयार खड़ी गाडिय़ों में बैठकर सीमा को क्रॉस कर जाते हैं। गैंग में सभी की जिम्मेदारी तय की जाती है, जिस में सभी अपनी जिम्मेदारी को पुरा करते हैं।


सर्दी की आहट पर करते हैं रैकी
बावरिया गैंग के सदस्य गुलाबी सर्दी की आहट होते ही वेश बदलकर रैकी शुरू कर देते हैं। इस दौरान टारगेट को तय कर सामूहिक रूप से घटना को अंजाम देकर कीमती सामान और जेवर लूट लेते हैं। इस दौरान गैंग के सभी सदस्य सबसे बुजुर्ग के दिशा-निर्देश को फॉलो करते हैं। अगर, गैंग के मुखिया द्वारा वापस लौटने के लिए कहा जाता है तो बिना किसी सवाल के सभी सदस्य उनकी बात को मानते हैं। ।

बॉर्डर पर रहता है मूवमेंट
इस बार बावरिया गैंग को घेरने की रणनीति तैयार की है, इसमें बॉर्डर के सभी थाना प्रभारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि बावरिया गैंग के सदस्य आसपास के जिलों से आगरा में प्रवेश करते हैं। आगरा से सटी सीमा एमपी, राजस्थान के बार्डर से प्रवेश करने के बाद वारदात को अंजाम देते हैं।

भरतपुर और मथुरा सीमा पर नजर
पुलिस ने मथुरा और भरतपुर की सीमा पर निगरानी रखना शुरू कर दिया है। रात के अंधेरे में पुलिस की टीम द्वारा कॉम्बिंग की जा रही है। जिससे बावरिया गैंग को रोका जा सके। पूर्व में मथुरा के हाथिया गांव में छापामार कार्रवाई के दौरान एक पुलिस अधिकारी हत्या कर दी गई थी। वहीं भरतपुर के बसई मे इलाके मेें भी अक्सर गतिविधि रहती है।

लायर्स कॉलोनी में की थी लूट
बावरिया गैंग के दो मेम्बर्स द्वारा हाल ही में लॉयर्स कॉलोनी में रहने वाली महिला से लूट की वारदात को अंजाम दिया था। बाइक पर घूम रहे बदमाशों ने घर में घुसकर महिला से गले की चैन लूट ली। पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वे शामली जिले के रहने वाले हैं।

-जिले में कुल पुलिस स्टेशन
44 थाने
-शहर में पुलिस स्टेशन
17
-देहात क्षेत्र के थाने
27
-बॉर्डर की सीमा पर थाने
08


गैंग पर निगरानी के लिए बार्डर के थाना प्रभारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं, ऐसे स्थान जहां संभावना है, वहां पुलिस के मूवमेंट को बढ़ाया जाएगा।
डॉ। प्रीतिन्दर सिंह, पुलिस कमिश्नर