आगरा। केस1 सिकंदरा क्षेत्र की रहने वाली युवती का विवाह चार महीने पूर्व हुआ था, पीडि़ता का आरोप है कि शादी के बाद उत्पीडऩ का विरोध करने पर ससुरालियों ने घर से निकाल दिया, महिला थाने में पूरे मामले की शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की, आरोपी पक्ष को सम्मान दिया गया, जबकि पीडि़त को फटकार लगाई और कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस के इस रवैये को लेकर परिजनों में रोष है।
केस2
मुक दमा दर्ज, लेकिन नहीं की गई गिरफ्तारी
दयालबाग में रहने वाले एक बिल्डर दंपति द्वारा हाल ही में दर्जनों लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया गया, इस संबंध में दिल्ली में रहने वाली महिला ने ठगी का मामला दर्ज कराया था, लेकिन इसके बाद भी आरोपी दंपति खुले आम घूम रहे हैं, इससे पीडि़ता और उनके परिजनों में पुलिस के रवैये को लेकर खासी नाराजगी है। हालंाकि इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन आरोपी दंपति को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
के स3
महिला को रोड पर पीटने वाला, नहीं अरेस्ट
जयपुर हाउस में रहने वाली प्रतिष्ठित महिला को एक पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा लोहामंडी चौराहे पर सरेआम पीटा गया, लेकिन थाना स्तर पर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीडि़ता ने इस संबंध में थाना प्रभारी, सीओ और एसपी सिटी से शिकायत की थी, लेकिन महिला की कोई सुनवाई नहीं की गई। ऐसे मेें महिला का कहना है कि आरोपी उसकी पेटी को अगवा करने की धमकी दे रहा है, लेकिन पुलिस आरोपी की पहुंच के चलते कार्रवाई करने में अक्षम हैं।
केस.4
महिला के प्लाट पर दबंगों का कब्जा
खंदारी देव नगर स्थित महिला के परिवार में कोरोना वायरस के चलते पुरुषों की मौत हो गई, परिवार में एक बुजुर्ग हैं, जो पैरालाइसिस से ग्रस्त हैं। ऐसे में दबंग किराएदारों द्वारा प्लॉट पर कब्जा किया गया है, ऐसे में पीडि़त परिवार न्याय के लिए भटक रहा है। इस संबंध में चौकी स्तर पर भी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई है।
एसएसपी कार्यालय पहुंच रहे फरियादी
रोजाना महिला हेल्पडेस्क पर थानों शिकायत पहुंचती है, अधिकतर मामलों में खानापूर्ति के बाद पीडि़त को टाल दिया जाता है, सुनवाई नहीं होने पर पीडि़त एसएसपी कार्यालय की ओर अपना रुख करते हैं, वर्तमान में महिला संबंधित मामले कार्यालय पहुंच रहे हैं।
महिला संबंधित मामलों को लेकर रविवार को काउंसलिंग कराई जाती है, काउंसलिंग के बाद जिद पक्षों में समझौता होता है, उनकी फाइल को बंद कर दिया जाता है, वर्तमान मेें 60 से अधिक मामले काउंसलिंग के लिए भेजे गए हैं।
-कमर सुल्ताना, परिवार परामर्श प्रभारी