आगरा। शनिवार को मानसिक चिकित्सालय में जान है तो जहान है अभियान के तहत मीटिंग में इन सभी बातों पर आम सहमति बनी। मीटिंग में अभियान के लिए बनाई गई कमेटी के सदस्यों के अतिरिक्त समाज के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भी इस बैठक में प्रतिभाग किया।
टीचर्स होंगे नामित
गैर संचारी रोगों के अपर नोडल अधिकारी डॉ। पीयूष जैन ने बताया कि 15 से 50 साल के युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम सबसे पहले स्कूलों से इस अभियान की शुरुआत कर रहे हैैं। उन्होंने बैठक में शामिल स्कूल व कॉलेज संचालकों से आग्रह किया कि वे अपने स्कूल से टीचर नामित करें और हम उन्हें अभियान से जोड़कर उन्हें ट्रेनिंग देंगे। इससे वह स्कूल में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को पहचान सके। इस पर प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर डॉ। सुशील गुप्ता, सेंट एंड्रूज ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीएमडी डॉ। गिरधर शर्मा, ऑल सेंट स्कूल के डायरेक्टर सहित अन्य स्कूल संचालकों ने इस पर सहमति जताते हुए अभियान को सफल बनाने में हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।
सहयोग करने का दिया आश्वासन
बैठक में दैनिक जागरण के एसोसिएट संपादक उमेश शुक्ल ने कहा कि वे मानसिक जागरुकता के लिए और इस मुहिम से संबधित खबरों को अपने अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित करवाएंगे। आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ल, एसजीआई के डायरेक्टर नवीन गुप्ता, सेंट जोंस कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि वे मानसिक रोगों के प्रति जागरुकता के लिए अपने यहां पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
ये रहे मौजूद
एसएन मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के अध्यक्ष और कमेटी के सदस्य डॉ। विशाल सिन्हा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। बैठक में आगरा कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ। अर्चना सिंह, सेंट जॉन्स कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ। वंदना, शांति सेना की अक्ष्यक्ष वत्सला प्रभाकर, सत्यमेव जयते के अध्यक्ष मुकेश जैन, शांति दूत बंटी ग्रोवर, लक्ष्मी राज मौजूद रहीं।
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ये है ओपीडी की स्थिति
मानसिक आरोग्यशाला की ओपीडी
में कुल मरीज 70 से 95 प्रतिदिन आते हैैं
आगरा 15 से 20
फिरोजाबाद 10 से 12
मथुरा 9 से 11
एटा 12 से 15
मैनपुरी 8 से 10
छोटे कस्बों 25 से 30 केस
जिला अस्पताल में प्रतिदिन
25 से 30 तक पहुंचते हैं मरीज
फीसदी मामले
आत्महत्या के मामले में यूपी के आंकड़े अन्य राज्यों की तुलना में काफी अच्छे हैं। यहां आत्महत्या करने वालों की संख्या बहुत कम है। वर्ष 2020 के एनसीआरबी के आंकड़ों को आधार मानें तो सबसे बड़ा प्रदेश होने के बावजूद देश में होने वाली कुल आत्महत्याओं में से यूपी में ऐसे मामले सिर्फ 3.1 फीसदी हैं। कुल आत्महत्याओं में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 13 फीसदी, तमिलनाडु की 11 फीसदी, मध्य प्रदेश की 9.5 फीसदी व गुजरात में 5.3 फीसदी है।
मानसिक रोगियों के उपचार और आत्महत्या रोकने के लिए राज्य स्तर पर एकीकृत हेल्पलाइन सेवा शुरु की जाएगी। लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए सामाजिक लोगों का सहारा लिया जाएगा।
-डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, डायरेक्टर, मानसिक चिकित्सालय आगरा
मानसिक रोगों को लेकर आज भी समाज में तमाम तरह की भ्रांतियां व भेदभाव है। जबकि मानसिक रोग भी अन्य रोगों की तरह ही होते हैं, जिनका उपचार करके इन्हें ठीक किया जा सकता है।
-डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ