आगरा(ब्यूरो)। मूल रूप से बिहार के रहने वाले योगी चैतन्य नाथ ने छह साल की उम्र में नाथ संप्रदाय के बाबा बालकनाथ से दीक्षा ले ली थी। योगी की उपाधि मिलने के बाद उन्हें सदर स्थित लालनाथ समाधि मठ के मठाधीश पद की जिम्मेदारी दी गई थी। 12 मई को उनका लहूलुहान शव मठ परिसर के कमरे में मिला था। संतों और परिजनों ने रात में ठोकर लगने से गिरने का अंदाजा लगाया था।

मोबाइल, एटीएम कार्ड मिला था गायब
संप्रदाय के नियमानुसार मठ परिसर में उन्हें समाधि दी गई थी। इसके बाद उनके भाई ङ्क्षहदू जागरण मंच के पूर्व जिलाध्यक्ष मुन्ना मिश्रा उनके कमरे पर पहुंचे। सामान जांचने पर उनका मोबाइल और एटीएम गायब मिला। उनकी मौत के बाद 15 मई तक मोबाइल इस्तेमाल हुआ था। मोबाइल के जरिए यूपीआई के माध्यम से उनके खाते से रकम की निकासी भी की गई थी।

शक होने पर की एडिशनल सीपी से कंप्लेन
शक होने पर मुन्ना लाल ने अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी से शिकायत कर जांच की मांग की थी। एसीपी सदर के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरू की गई। मंगलवार सुबह नौ बजे योगी चैतन्य नाथ के भाई मुन्नालाल समेत परिजनों ने नखावली (दसवां) के विधान पूरे कर मुंडन कराया। इसके बाद एसीपी कोतवाली हेमंत कुमार और एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद के नेतृत्व में थाने का फोर्स मठ पहुंचा।

परिजनों की मौजूदगी में निकाला शव
संतों और परिजन की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ शव को समाधि से निकाला गया। तीन चिकित्सकों के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद परिजनों ने शव को पुन: विधिवत समाधि दे दी। समाधि के बाद परिजन और मठ के संतों के साथ उठावनी सभा आयोजित की गई। आरएसएस समेत कई संगठनों के नेताओं ने पहुंच कर सांत्वना दी।

शव देखते ही फूट पड़े परिजन
खोदाई के बाद जैसे ही योगी चैतन्य नाथ का शव बाहर निकाला गया। शव को देखते ही उनके भाई मुन्ना लाल दहाड़े मारकर रोने लगे। लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया। इसके बाद वो भाई के शव के साथ पोस्टमार्टम गृह गए और वहां की कार्रवाई के बाद शव लेकर मठ पहुंचे। पुन: समाधि की रस्म पूरी करवाई। गुरुवार को मठ परिसर में ब्रह्म भोज का आयोजन किया जाएगा।

ग्यारह दिन पहले हुई थी आखिरी बार बात
मुन्ना मिश्रा ने बताया कि 10 मई की सुबह योगी चैतन्य नाथ ने फोन कर उनका हाल चाल पूछा था। उस समय वो बिल्कुल ठीक थे। इसके बाद उनकी हत्या की गई है। इस संबंध में शुरू से ही अंदेशा था कि मौके से मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड कहां हैं, इस पर हत्या को लेकर शक और गहरा गया।

इस मामले में पीडि़त परिवार के सदस्यों ने शिकायत की थी। शव को जांच के लिए पीएम भेजा गया था, इसके बाद फिर से समाधि दी गई है। इस मामले की हर बिन्दु से जांच की जा रही है। जल्द ही स्थिति स्पष्ट होगी।
- केशव चौधरी, एडिशनल सीपी

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द मौत की गुत्थी को सुलझा लिया जाएगा। परिजनों और साथियों से इस संबंध में बात की जा रही है।
- प्रदीप कुमार, प्रभारी निरीक्षक, सदर