- आगरा की दोनों सीटें आईं भाजपा की झोली में
- मथुरा की सीट पर बढ़त बढ़ाए हुए हैं हेमामालिनी
- रामशंकर कठेरिया के सिर फिर बंधा जीत का सेहरा
AGRA। आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया के सिर एक बार फिर से जीत का सेहरा बंधा है। ख्ब् अप्रैल को हुई वोटिंग के बाद चुनावी नतीजों का आगरा की जनता को बहुत ही बेसब्री से इंतजार था। फ्राइडे को मंडी समिति में काउंटिंग के बाद रिजल्ट आया तो बीजेपी के कट्टर समर्थक ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के चेहरे पर जीत की खुशी साफ झलक रही थी, जिसने मोदी लहर में इस बार कमल के फूल पर भरोसा जताया था।
सुबह से ही खिले रहे बीजेपी कार्यकताओं के चेहरे
फ्राइडे को जब बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता वोटिंग काउंटिंग स्थल मंडी समिति पहुंचे तो चेहरे खिले-खिले दिख रहे थे। जीत को लेकर एक आत्मविश्वास साफ दिखाई दे रहा था। पूरी काउंटिंग के दौरान बीजेपी से जुड़ा एक चेहरा ऐसा नहीं दिखा जो मायूस हो। मुरझाया हुआ हो। चेहरों पर खुशी का इजहार मंडी समिति में कार्यकर्ताओं की ओर से बीच-बीच में होती रही नारेबाजी से भी स्पष्ट दिखाई दिया।
जमे रहे रामशंकर कठेरिया
फ्राइडे मॉर्निग से ही प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया मंडी समिति पहुंच गए थे। उसके बाद वोट काउंटिंग स्थल पर ही जमे रहे। पल-पल के परिणाम पर निगाह जमाए रहे। दोपहर करीब एक बजे प्रोफेसर कठेरिया ने ब्रेक लिया। कुछ देर के लिए मंडी समिति से बाहर चले आए। लगभग एक घंटे बाद ही रामशंकर कठेरिया वापस मंडी समिति पहुंच गए।
मोदी लहर का मिला फायदा
आगराइट्स ने कमल के फूल पर वोटिंग कर प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया को एक बार फिर से संसद में पहुंचने का मौका दिया है। यह हाल तो तब है जबकि प्रोफेसर कठेरिया का बीजेपी में अंदरूनी विरोध भी था। अंदर ही अंदर भगवा झंडे के नीचे ही तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता प्रोफेसर कठेरिया के विरोध में काम कर रहे थे। इसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि शायद, इस बार प्रोफेसर कठेरिया की सीट रिपीट नहीं हो पाए। लेकिन, मोदी की लहर में विरोधियों की सारी अटकलें धरी की धरी रह गईं और प्रोफेसर कठेरिया को जनता जर्नादन ने संसद तक पहुंचने को लेकर हरी झंडी दिखा दी।