बीजेपी प्रत्याशी की हार ने किया हैरान
वार्ड 76 से भाजपा प्रत्याशी की हार ने सभी को हैरान कर दिया है। इस क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय रहते हैं। चर्चा तो ये है कि वे अपना ही वार्ड नहीं बचा सके। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। वहीं सूत्रों का कहना कि मेयर प्रत्याशी को लेकर भी क्षेत्र से नाम भेजा गया था, जिसे रिजेक्ट कर दिया गया।
निर्दलीय प्रत्याशी ने दर्ज की जीत
शहर में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत भाजपा के कैबिनेट मंत्री और एमएलसी विजय शिवहरे के क्षेत्र में हुई है। वे नार्थ ईदगाह कॉलोनी मेें रहते हैं। उनके क्षेत्र से भाजपा के पार्षद प्रत्याशी को हार झेलनी पड़ी है। निर्दलीय प्रत्याशी श्रीराम धाकड़ ने कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के क्षेत्र वार्ड 76 से विजय हासिल की है। उन्होंने 276 वोट से जीत दर्ज की है। ये भाजपा के खेमे में चर्चा का विषय रहा है। बताया जा रहा है कि जीत हासिल करने वाले प्रत्याशी ने भाजपा से टिकट मांगा था लेकिन टिकट काटकर दूसरे प्रत्याशी को जारी कर दिया गया, इसके बाद भाजपा से बागी होकर श्रीराम धाकड़े मैदान में उतरे थे। वहीं दयालबाग क्षेत्र के वार्ड 62 से निर्दलीय प्रत्याशी का भी टिकट इसी तरह काटा गया था, उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की है।
भाजपा के पूर्व पार्षद को हराया
दिग्गजों के वार्ड से भाजपा की हार चर्चा का विषय बनी हैं। यहां ओमप्रकाश धाकड़ पूर्व पार्षद भाजपा को चुनाव लड़ाया गया था, चर्चा है कि दिग्गजों की सिफारिश पर पार्टी से टिकट भी मिल गया। पूर्व में ओमप्रकाश की पत्नी भी इसी वार्ड से पार्षद रहीं हैं। इस बार राम धाकड़ ने टिकट वितरण पर विरोध दर्ज कराते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
भाजपा जिलाध्यक्ष हारे अपना वार्ड
बीजेपी जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह ने अपने बेटे को वार्ड 72 से टिकट दिलाया था, हालांकि इसको लेकर सवाल खड़े किए गए थे, लेकिन विरोध के बाद वे अपने बेटे अबिरेख को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। इसी बीच जिलाध्यक्ष के छोटे भाई राजेन्द्र सिंह द्वारा भी आपसी मतभेद के चलते निर्दलीय चुनाव लड़ा गया, जिसका फायदा क्षेत्र के बसपा प्रत्याशी को हुआ, वे एक हजार अधिक वोटों से जीत गए। वहीं ब्रज क्षेत्र के मंत्री गौरव राजावत भी अपने वार्ड से प्रत्याशी को जिताने में कामयाब नहीं हो सके।
बगावत से प्रभावित जीत-हार के आंकड़े
चुनाव का रिजल्ट आने के बाद भाजपा को कई वार्ड में कार्यकर्ताओं की बगावत का नुकसान हो सकता है।
दयालबाग, यमुनापार, दिल्ली गेट, समेत 6 वार्डों में भाजपा के खिलाफ बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में खड़े हुए, टिकट वितरण को लेकर विरोध में आए कार्यकर्ताओं ने पार्टी की हार जीत के आंकड़ों को प्रभावित किया है। इससे भाजपा मेयर प्रत्याशी की जीत पर फर्क पड़ा है। भाजपा के विरोधी दलों के प्रत्याशियों को इसका फायदा हुआ है।