आगरा। केवाईसी, बीमा, आयकर, यूपीआई और सिम अपग्रेड करने के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। शातिर बाइक पर लैपटॉप लेकर खुदको सरकारी विभाग का बताते हैं, इसके बाद शहर और देहात में केवाईसी, बीमा, आयकर, यूपीआई और सिम अपग्रेड और विधवा पेंशन के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। सबसे पहले शातिर अपडेट के नाम पर डिटेल हासिल कर लेते हैं, इसके बाद ओटीपी शेयर करने के बाद अकाउंट खाली कर देते हैं या फिर एप के जरिए एक्सेस लेकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।


कॉल सेंटर भी ठगी का जरिया
फर्जी कॉल सेंटर खोल लोगों से सोशल सिक्योरिटी नंबर सपोर्ट, तकनीकी सपोर्ट और एंटी वायरस सपोर्ट के नाम पर संपर्क करते हैं और उन्हें पॉप-अप भेज उनका सिस्टम हैक करते हैं। फिर उसे ठीक करने के नाम पर उनसे रकम ऐंठते हैं।

केस.1
बाइक पर घूम रहे साइबर ठग
सोशल मीडिया पर लुभावने विज्ञापन डाल कर भी लोगों को फंसा रहे जाल में गांव बिचपुरी के रमेश ने बताया कि कुछ दिन पहले दो युवक यूपी अस्सी की बाइक पर सवार होकर लोगों से आधार कार्ड लिंक कराने का बहाना बनाकर डिटेल हासिल कर रहे थे, कुछ लोगों को शक हो गया, इस पर वह भाग खड़े हुए। बाइक सवार शातिर ठगों को कई गांव में देखा गया है।

केस -2
डाउनलोड कराई एप्लीकेशन, फिर उड़ा ली नकदी
क्रेडिट कार्ड बनाने के नाम पर डाउनलोड कराई एप्लीकेशन, फिर उड़ा ली नकदी सुखपुरा निवासी अभिषेक ने बताया कि वह गुरुग्राम में निजी कंपनी में अच्छे पद पर है। एक जुलाई अगस्त को उसके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कहा कि नया क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए एक एप्लीकेशन डाउनलोड करो। एप्लीकेशन डाउनलोड होने के बाद उस पर क्लिक करते ही अकाउंट से रुपये निकल गए।

केस - 3
शातिरों ने कर ली ऑनलाइन शापिंग
गांव मांगरोल के अनिल ने शिकायत दर्ज कराई थी। अनिल के बैंक खाते से ठगों ने तीन बार में 25 हजार रुपए निकाल लिए। जबकि पीडि़त का एटीएम कार्ड उसके ही पास था। बैंक के अनुसार अनिल के अकाउंट से ऑनलाइन शॉपिंग की गई है। पुलिस को दी शिकायत में अनिल ने बताया कि शुक्रवार को तीन बार ट्रांजेक्शन से रुपये निकाले, फोन पर जब इस बारे में उसे मैसेज मिले तो उसने बैंक में पहुंच इस बारे में पता किया।


क्यूआर कोड आधारित भुगतान, फर्जी कॉल सेंटर के जरिए बीमा, आयकर, यूपीआई, केवाईसी अपडेट और सिम अपग्रेडेशन के नाम पर ठग आपकी सारी जमा-पूंजी खाली कर सकते हैं। साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में लोगों को अलर्ट रहने की नीड है।
हुकूम सिंह, प्रभारी एसटीएफ