आगरा। वह लुभावने वाले ऑफर्स के चक्कर में आकर जल्दीबाजी में खरीदारी कर ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे कई मामले साइबर थाने पर आए है। जहां कुछ लोगों के दो सौ रुपये की राखी के चक्कर में हजारों रुपए खाते से निकल गए है, ऐसे में साइबर सेल द्वारा ऑनलाइन खरीदारी करने से पहले ऑफर्स से जुड़े नियम व शर्तों को सही से चेक कर खरीदारी करने का अपील कर रहा है। जिससे ठगी से लोगों को बचाया जा सके।
ऑनलाइन दर्ज कराई ठगी की शिकायत
थाना सदर क्षेत्र में रहने वाली रौनी तोमर एक कंपनी में जॉब करती हैं। वह अपनी फ्रेंड के साथ रहती हैं। एक अगस्त को उन्होंने अपने भाई रोहित के लिए ऑनलाइन राखी व कुछ स्वीट्स ऑर्डर की थी। चार दिन बीतने के बाद भी कोई गिफ्ट नहीं आया, जबकि दो दिन बाद गिफ्ट पहुंचाने के लिए कहा गया था। जब पीडि़ता ने फिर से उसी वेबसाइट को ओपन किया तो वेबसाइट बंद हो चुकी थी। ठगी की जानकारी होने पर ऑनलाइन शिकायत की।
ट्रैप में फंसा रहे सस्ते ऑफर
दयालबाग की बसेरा कॉलोनी में रहने वाले ललित श्रीवास्तव ने साइबर थाने को बताया कि उन्होंने रक्षाबंधन त्योहार पर तमाम वेबसाइटों पर दिख रहे ऑफर्स के चक्कर में आकर सात हजार रुपए गवां दिए। उन्होंने रक्षाबंधन पर बहन को ड्रेस गिफ्ट देने के चक्कर में एक ड्रेस बुक की थी, एक ड्रेस के बुक कराते ही दूसरे ड्रेस में छूट दी गई थी। इसके बाद उनके पास एक ऑफर का डिटेल्स भरने के लिए लिंक आया। लिंक को भरने के बाद क्लिक करते ही उनके खाते से रुपए निकल गए।
डिजाइनर राखी की मार्केट में डिमांड
बोदला के रहने वाले प्रदीप पास के जिले मेें पुलिस फोर्स में तैनात हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने न्यू डिजाइनर की राखी देखी। राखी इतनी खूबसूरत थी कि उसके आगे कुछ दिख ही नहीं रहा था। उन्होंने सिंगल पीस बचे होने के चक्कर में बिना किसी जानकारी के राखी बुक कर दी। उतने में एक लिंक ऑफर का लिंक आया और बिना सोचे समझे क्लिक कर दिया। इससे उनके खाते में उनके खाते से रुपए निकल गए।
साइबर सेल द्वारा जारी गाइड लाइन
- डिस्काउंट के बारे में बारीकी से पढ़ें
- फास्ट चेकआउट के लिए डिलीवरी डिटेल्स पहले से ही भरें
- खरीदने से पहले प्रोडक्ट कंपेयर जरूर करें
- डिलीवरी कॉस्ट का ध्यान रखें
- हमेशा नामचीन और अच्छी कंपनी की वेबसाइट से ही खरीदारी करें
- ज्यादा बचत देखकर किसी ऐसी वेबसाइट से खरीदारी न करें, इसके बारे में जानकारी नहीं है।
- वेबसाइट का यूआरएल जरूर चेक करें, वह एचटीटीपी के बजाय एचटीटीपीएस होना चाहिए, आखिर में एस का मतलब है कि गूगल ने उसे सिक्योर्ड किया है
इन बातों पर करेें फोकस
- रिफंड पॉलिसी
- बेहद सस्ता प्रोडक्ट कहीं रिफर्बिश्ड तो नहीं
- प्रोडक्ट के रंग या डिजाइन में अंतर
- गारंटी-वॉरंटी पर भी दें ध्यान
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय अगर ग्राहक सावधानी बरतें तो फ्रॉड का शिकार होने से बच सकते हैं। क्रेडिट या डेबिट कार्ड के नंबर, ओटीपी या सीवीवी कोड को भी ध्यान से भरें और सूचना संबंधित वेबसाइट पर सेव न करें। वरना खाता से बड़ी रकम भी निकल सकती है।
सुल्तान सिंह, साइबर सेल प्रभारी