आगरा (ब्यूरो ) : आगरा कैंट और मथुरा जंक्शन में इस सॉफ्टवेयर का सफल परीक्षण किया गया। अब इसे अनुभाग के 10 अन्य थानों में भी लागू किया गया है। इससे एक क्लिक पर बदमाशों की कुंडली खुल जाएगी। जीआरपी आगरा अनुभाग में 12 थाना और 21 चौकियां हैं। जनवरी 2022 में नफीस को लांच किया गया था। इसकी शुरुआत आगरा कैंट और मथुरा जंक्शन स्टेशन से की गई।

10 थानों में लागू किया था सॉफ्टेवयर

इस सॉफ्टवेयर की निगरानी नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो द्वारा की जाती है। दोनों ही थानों में बदमाशों के ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट लेने के साथ रेटिना स्कैन किया गया। शुरुआत में सॉफ्टवेयर के संचालन में दिक्कतें आईं। इस पर सिपाहियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। एसपी रेलवे मो। मुश्ताक ने बताया कि एक साल तक दोनों स्टेशनों में 'नफीसÓ का परीक्षण किया गया। इससे पूर्व ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट लखनऊ भेजे जाते थे। इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता था, लेकिन अब एक क्लिक पर ही पूरा डाटा खुलकर सामने आ जाता है। नफीस को अब 10 अन्य थानों में भी लागू कर दिया गया है।
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सबसे अधिक मोबाइल गुम होने या फिर चोरी की घटनाएं
जीआरपी आगरा अनुभाग में सबसे अधिक मोबाइल गुम होने या फिर चोरी होने की घटनाएं हुई हैं। इनकी संख्या 300 है।

अंतरराज्यीय चोर गिरफ्तार
जीआरपी कैंट ने गुरुवार दोपहर स्टेशन से अंतरराज्यीय चोर मलखान ङ्क्षसह को गिरफ्तार किया। मलखान से दो मोबाइल बरामद किए गए। वह ट्रेन के कोच या फिर स्टेशन पर जैसे ही यात्री चार्जिंग पर मोबाइल को लगाकर इधर-उधर होते थे तभी मोबाइल चोरी कर लेता था। टीम में उप निरीक्षक राजीव कुमार, राजेश कुमार और विनय शामिल रहे।