आगरा(ब्यूरो)। चार मई को वोटिंग है और 13 मई को किस्मत का फैसला होगा कि आखिर शहर के फस्र्ट पर्सन का ताज किसके सिर सजेगा।


नए मेयर को यमुना में गिरने वाले नालों को रोकना चाहिए। बिना ट्रीट किए हुए नाले सीधे यमुना में गिर रहे हैं। नाले निगम के अंडर में आते हैं। मेयर नगर निगम के अध्यक्ष होते हैं, ऐसे में मेयर इस कार्य को करा सकते हैं। शहर में हरियाली कम है। शहर में जगह-जगह पेड़-पौधे लगवाने चाहिए। पुराने पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था को और मजबूृत करना चाहिए।
डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य, पर्यावरणविद्

शहर में जो भी विकास कार्य हों, पर्यावरण का संतुलन बनाते हुए हों। शहर की जीवनदायिनी यमुना नदी की दुर्दशा हो रखी है। नदी में नाले गिर रहे हैं। यमुना पर बैराज का निर्माण होना चाहिए। जिससे नदी में पानी रहे। नए मेयर को इस ओर कार्य करने चाहिए। नदी में गिरने वाले नालों को रोकना चाहिए।
ब्रज खंडेलवाल, पर्यावरणविद

मेयर को नगर निगम के कार्यों में ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी को लागू कराना चाहिए। इसके साथ शहर की समस्याओं जैसे लाइटिंग, स्ट्रीट प्लेस, स्कूल्स, हेल्थ, शहर की साफ-सफाई ़आदि व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। जिससे आम लोगों को सुविधा मिल सके। नगर निगम में ऑनलाइन सिस्टम को और मजबूत करना चाहिए, जिससे कार्यों में ट्रांसपेरेंसी बढऩे के साथ लोगों की परेशानी भी दूर होगी।
डॉ। संजय चतुर्वेदी


नगर निगम में करोड़ों का बजट आता है। सड़क निर्माण किया जाता है, लेकिन एक बारिश में ही सड़क उखड़ जाती है। इस तरह के निर्माण कार्य को सुधारने की आवश्यकता है। वहीं, शहर में सीवेज मैनेजमेंट की बड़ी समस्या है। अधिकतर सीवर लाइन चोक पड़ी हैं। नए मेयर को शहर में सफाई व्यवस्था की भी पूरी तरह मॉनिटरिंग करनी चाहिए।

हेमंत भारद्वाज, सीनियर एडवोकेट

नगर निगम में भ्रष्टाचार रुकना चाहिए। यमुना नदी नाले में तब्दील हो चुकी है। कई योजनाएं बनने के बाद भी यमुना की दुर्दशा दूर नहीं हो सकी है। नालों को टेप्ड किया जाना चाहिए। शहर में सीवेज ट्रीटमेंट की स्थिति में सुधार होना चाहिए। प्राइवेट कंपनी को सीवेज मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन वो व्यवस्था फेल है। सरकारी विभाग को ही ये जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। सफाई व्यवस्था सिर्फ प्रमुख मार्गों में ही नहीं, बल्कि शहर के अंदरूनी एरियाज में भी सफाई हो। सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार दूर होना चाहिए।

डॉ। हरीदत्त शर्मा, अध्यक्ष, आगरा बार एसोसिएशन