-वीएचएनडी व यूएचएनडी दिवस पर एएनएएम देंगी नौ से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक

-विटामिन ए की खुराक नौ माह से पांच साल तक के बच्चे को छह-छह माह के अंतर पर देनी चाहिेए

-विटामिन-ए रतौंधी से बचाकर शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिये ताकत देता है।

आगरा। बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग 9 अगस्त से 5 सितंबर तक विशेष अभियान चलाएगा। इसे बाल सुरक्षा पोषण माह के नाम से चलाया जाएगा। इसके तहत नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन भी किया जाएगा।

एएनएम पिलाएंगी दवा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। आरसी पांडेय ने बताया कि बाल सुरक्षा पोषण माह में नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों का भी चिन्हांकन किया जाएगा और उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा। बाल सुरक्षा पोषण माह में इस बार कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बुधवार और शनिवार को लगने वाले वीएचएनडी (ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण दिवस) और यूएचएनडी (शहरी स्वास्थ्य पोषण दिवस) पर ही बच्चों को एएनएम द्वारा विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी।

रोगों में आएगी कमी

जिला स्वास्थ्य चिकित्सा सूचना अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि बाल सुरक्षा पोषण माह के सफल क्रियान्वयन के लिये सुनिश्चित किया जाएगा कि एएनएम के पास बैनर इत्यादि के साथ विटामिन-ए की पर्याप्त दवा और लॉजिस्टिक उपलब्ध हों। बाल स्वास्थ्य पोषण माह का उद्देश्य नौ माह से पांच वर्ष की आयु के बच्चों में रोगों में कमी लाना है।

वर्जन

डीपीएम कुलदीप भारद्वाज ने बताया कि बाल सुरक्षा पोषण माह का उद्देश्य नौ माह से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करना है।

अभियान के उद्देश्य

-पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु दर में कमी लाना

-रतौंधी से बचाव, कुपोषण से बचाव और उपचार करना

- नियमित टीकाकरण के दौरान बच्चों के साथ आंशिक ड्रापआउट का प्रतिरक्षण

- आयोडीनयुक्त नमक के प्रयोग से बच्चों में शारीरिक एवं विकृतियों की कमी को दूर करना

-बच्चों के वजन और चिन्हित अतिकुपोषित बच्चों के संदर्भ में छह महीने तक स्तनपान और छह महीने बाद पूरक आहार को बढ़ावा देना

-आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग के लिए समुदाय को जागरूक करना इस अभियान का उद्देश्य है

वर्जन

बाल सुरक्षा पोषण माह में नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों का भी चिन्हांकन किया जाएगा और उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा।

-डॉ। आरसी पांडेय, सीएमओ