- ताजनगरी में बाबरी मस्जिद को बाबर ने 1528 में बनवाया
- यमुनापार इलाके में स्थित, एएसआई कर रही है रखरखाव
आगरा। ताजनगरी में भी बाबरी मस्जिद है। लेकिन, ये अयोध्या की तरह अपनी पहचान नहीं बना पाई। इस मस्जिद को बाबर ने 1528 में बनवाया था। इसे बड़ी बाबरी मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है।
आगरा की पहली मस्जिद
सन्1530 में बाबर की मृत्यु के बाद उसके जनाजे की नमाज भी यहीं पढ़ी गई थी। मस्जिद के सामने चारबाग स्थित चौबुर्जी में उसके शव को यहां छह महीने तक दफनाया गया था। इसके बाद बाबर की इच्छानुसार उसके शव को काबुल ले जाकर दफनाया गया था। बाबर पहली बार 1526 में आगरा आया था और यमुनापार उसने आरामबाग और चारबाग बनाया था। यहीं बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था। यहां आज भी पांचों पहर की नमाज अदा की जाती है।
बाबरी मस्जिद आगरा की पहली मस्जिद है। बाबर ने इसे 1528 में बनवाया था। चारबाग में बाबर को शव को दफनाया गया था, जो आज एएसआई की देखरेख में है। लेकिन इसकी हालत खस्ता है।
-राजकिशोर राजे, इतिहासकार
बाबर ने इस मस्जिद को बनवाया था। हमारी तीसरी पीढ़ी इस मस्जिद की सेवा कर रही है। इस मस्जिद में पांचों पहर की नमाज अदा की जाती है।
-हाफिज हारुन, सेवक बाबरी मस्जिद
चारबाग स्थित चौबुर्जी में बाबर के इंतेकाल के बाद उसके शव को रखा गया था। बाद में बाबर के शव को यहां से काबुल ले जाकर दफन किया गया। यह स्थान एएसआई के संरक्षण में है।
-डॉ। वसंत कुमार स्वर्णाकर, एएसआई