Agra। आगराइट्स वैक्सीनेशन कराने के प्रति जागरूक हुए हैैं। 2016 में हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार 57.8 परसेंट बच्चों का ही वैक्सीनेशन किया गया। 2021 में हुए एनएफएचएस-5 के सर्वे अनुसार यह ग्राफ बढ़ गया। अब 91,3 परसेंट बच्चों को हेपेटाइटिस बी की तीनों डोज लगी हैैं। हेपेटाइटिस 5 तरह के होते हैं। ए,बी,सी,डी और ई। हेपेटाइटिस-बी और सी लाखों लोगों में क्रॉनिक बीमारी का कारण बन रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लीवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बनते हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ। प्रभात अग्रवाल ने बताया कि बच्चे को जन्म के बाद वैक्सीन लगवाकर हेपेटाइटिस से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में हेपेटाइटिस बी और सी की मुफ्त जांच और मुफ्त उपचार उपलब्ध है।

शुगर के मरीज लगवाएं वैक्सीन
डॉ। प्रभात अग्रवाल ने बताया कि वैक्सीनेशन कराने से हेपेटाइटिस के संक्रमण के गंभीर रूप से बचा जा सकता है। उन्होंंने बताया कि काफी लोगों का वैक्सीनेशन अधूरा छूट जाता है। बचपन में तीनों डोज नहीं लग पाती हैैं तो उन्हें अपनी एंटी बॉडी चेक करानी चाहिए और अपने हेपेटाइटिस की वैक्सीन लगवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि शुगर है और किडनी खराब हो गई है। ऐसे में दोनों कंधों पर एक-एक मिलीलीटर वैक्सीन की डोज चार बार लगाई जाती हैैं।

शराब पीने से भी प्रभाव
हेपेटाइटिस ए से लेकर ई तक के संक्रमणों और शराब पीने और फैटी लिवर होने से भी लिवर पर सूजन आ जाती है। इससे ये आगे चलकर गंभीर रोग में बदल सकती है। भारत में क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण विश्व की तुलना में लगभग 11 परसेंट अधिक है। हर साल भारत में एचबीवी संक्रमण के कारण करीब 115,000 मौतें होती हैं और बच्चे में इस संक्रमण के होने की सबसे ज्यादा संभावना होती हैं।

हेपेटाइटिस क्यों होता है
डॉ। अग्रवाल ने बताया कि हेपेटाइटिस का मतलब लीवर में सूजन होना होता है जो पोषक तत्वों को प्रोसेस करता है, खून को फिल्टर करता है, और संक्रमण से लड़ता है। जब लीवर में सूजन या डैमेज होता है, तो लीवर का कार्य प्रभावित हो सकता है। ज्यादा शराब पीने, विषाक्त पदार्थ, कुछ दवाएं और कुछ चिकित्सीय स्थितियां हेपेटाइटिस की समस्या को जन्म देती है।

यह हैैं हेपेटाइटिस होने के कारण
- ऑटोइम्यून कंडिशन

- एल्कोहल इनटेक

- वायरल इन्फेक्शन

- ज्यादा मात्रा में दवाई लेने से


हेपेटाइटिस के लक्षण

- ज्यादा थकान रहना

- मतली/उल्टी

- पीलिया

- मूत्र का रंग गहरा हो जाना

- पेट दर्द और सूजन

- भूख कम लगना

- वजन का घटना

वैक्सीनेशन कराने से हेपेटाइटिस के संक्रमण से बचा जा सकता है। यदि किसी ने वैक्सीनेशन नहीं कराया है तो वे इसे करा सकते हैैं। जो लोग अधूरा वैक्सीनेशन करा चुके हैैं। वे एंटीबॉडी चेक कराकर इसे लगवा सकते हैैं।
- डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, एसएनएमसी