आगरा। शातिर एटीएम के अलग-अलग कार्ड लेकर एटीएम कार्ड लेकर सक्रिय रहते हैं। अधिकतर ऐसे एटीएम बूथ जहां सुरक्षाकर्मी नहीं होता, वो शातिरों के निशाने पर रहते हैं। ऐसे मेें अगर कोई व्यक्ति एटीएम में थोड़ी देर लगाता है तो शातिर मदद करने के बहाने से एटीएम बूथ में प्रवेश कर जाते हैं, इस दौरान उंगलियों के मूवमेंट से पिन नंबर को भांप लेते हैं, इस बीच एटीएम धारक का ध्यान भटकाकर कार्ड को एक्सजेंज कर देते हैं। एटीएम खराब बताकर दूसरे एटीएम का हवाला देकर निकल जाते हैं। जब तक कार्ड धारक को जानकारी होती है, तब उसके एकाउंट से एक के बाद एक ट्रांजेक्शन के जरिए रुपए निकल जाते हैं। पिछले तीन दिन में थाना एत्माद्दौला, शाहगंज और सदर क्षेत्र में सक्रिय गैंग वारदात को अंजाम दे चुके हैं।
केस1
एक घंटे बाद मोबाइल पर आने लगा मैसेज
थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के नाउ की सराय में रहने वाली महिला देवकी ने रामबाग स्थित एक एटीएम से रुपए निकालने की कोशिश की, इस दौरान पास खड़े अज्ञात व्यक्ति ने मदद के बहाने एटीएम में प्रवेश कर कार्ड एक्सचेंज कर दिया। वहां से जाने के एक घंटे बाद खाते से एक के बाद एक ट्रांजेक्शन से रूपए निकल गए। पीडि़त ने चौकी पर मामले की कंप्लेन की है।
केस2
खाते से निकले आठ हजार रुपए
थाना सदर के देवी रोड के रहने वाले महेश द्वारा एटीएम से रुपए निकालने की कोशिश की गई तो एक व्यक्ति ने एटीएम मशीन में लगा कार्ड उनको वापस कर दिया, एटीएम खराब बताकर खुद भी वहां से चला गया, कुछ देर बार खाते से मोबाइल एसएमएस के जरिए उनको फ्रॉड की जानकारी हुई, उन्होंने बिना देरी किए अपने कार्ड को हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर ब्लॉक करा दिया।
केस3
एटीएम फंसने का दिया हवाला
शाहगंज थाना क्षेत्र स्थित पथौली में रहने वाले एक क्र्लक द्वारा एटीएम से रुपए निकालने के लिए निकले, इस दौरान वह शाहगंज रोड स्थित एटीएम में गए, तभी एक अज्ञात व्यक्ति भी एटीएम आ गया और अपना कार्ड फंसने की जानकारी, कार्ड को मशीन में इंसर्ट करने का तरीका बताकर एटीएम बदल दिया और एकांउट से रकम निकल गई।
गैंग की नहीं पुलिस को जानकारी
वर्तमान में कौन सा गिरोह यह फर्जीवाड़ा कर रहा है, इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है। ठग अधिकांश उन्हीं एटीएम पर वारदात करते हैं, जहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं होते हैं। जर्जर एटीएम या फिर जहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं हैं, वहीं पर जालसाज एटीएम में धोखाधडी़ कर रहे हैं। खास बात ये है कि ठगी के शिकार पीडि़तों की सुनवाई जल्द भी नहीं हो रही है। थानों से पीडि़तों को इधर से उधर टहलाया जाता है। इस तरह के गैंग शहर और देहात में मूवमेंट कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस कई बार ऐसे शातिरों को पकड़ कर गैंग का पर्दाफास कर चुकी है।
रकम निकासी के दौरान इन बातों का रखों ध्यान
-आपको हमेशा एटीएम मशीन से नकदी निकासी करते समय मशीन में कार्ड डालने के स्थान की जांच कर लेनी चाहिए। ठग उस जगह पर क्लोनिंग डिवाइस लगा देते हैं और व्यक्ति के एटीएम कार्ड को स्केन कर लेते हैं।
-आपको अपना पिन नंबर दर्ज करने से पहले कीपैड चेक कर लेना चाहिए कि कहीं वहां कोई गुप्त कैमरा, चिप वगैरह तो नहीं लगा है।
-आपको अपने पिन दर्ज करते समय उंगलियों को कैमरे की नजर से बचाकर रखना चाहिए या दूसरे हाथ से कीपैड को कवर कर लेना चाहिए।
-आपको कहीं भी अपना कार्ड स्वाइप करने से पहले पीओएस मशीन को चेक कर लेना चाहिए। जांच लें कि मशीन कौन से बैंक की है।
-मशीन के बिल को देखकर भी पीओएस मशीन की कंपनी का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा स्वाइप एरिया और कीपैड की भी जांच कर लें।
-आपको मैग्नेटिक कार्ड के स्थान पर ईएमवी चिप आधारित कार्ड का उपयोग करना चाहिए। इससे अगर कार्ड स्केन या क्लोन होगा, तो एंिक्रप्टेड सूचना प्राप्त होगी, क्योंकि ईएमवी कार्ड्स में माइक्रोचिप्स होती हैं।
-अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को शॉपिंग, रिचार्ज या दूसरे वॉलेट पर सेव ना करें।
-आपको जहां तक संभव हो सके वहां तक सार्वजनिक स्थान पर स्थित एटीएम या जिस एटीएम पर गार्ड मौजूद हो, उसका ही प्रयोग करना चाहिए।
-शॉपिंग मॉल में अगर पीओसी मशीन बिना ओटीपी के लेनदेन करे, तो बैंक में जाकर सुरक्षित कार्ड इश्यू करवाएं, जो ओटीपी के जरिए ही लेनदेन पूरा करे।
-अपने कार्ड में निकासी की लिमिट तय करके रखें, जिससे क्लोनिंग या फ्रॉड होने पर एक सीमित मात्रा में ही पैसा निकल पाए।
ठगी का शिकार होने पर क्या करें
एटीएम का इस्तेमाल करते समय अगर बैंक या मशीन की तरफ से लेनदेन सफल हो गया है और आपको पैसा नहीं मिला है, तो तुरंत बैंक में कॉल करना चाहिए। अगर कोई तकनीकी खामी है, तो बैंक द्वारा 24 से 48 घंटे में पैसा वापस अकाउंट में डाल दिया जाता है।
इस कंडीशन में रहें मौजूद
कई बार बैंक द्वारा भी बता दिया जाता है कि मशीन से पैसे क्यों नहीं निकल रहे हैं। वहीं, अगर तकनीकी खामी नहीं है, तो बैंककर्मी या पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले का जायजा लेती है। ऐसी स्थिति में यूजर को बैंककर्मी या पुलिस के आने तक वहीं रहना
वर्जन
ऐसे एटीएम मशीन जहां सुरक्षाकर्मी नहीं हैं, वहां ठगी की संभावना अधिक रहती है। इस दौरान एटीएम कार्ड एक्सचेंज करने वाला गैंग सक्रिय है, जो मदद के जरिए पलक झपकते ही ध्यान भटकाकर एटीएम कार्ड को एक्सचेंज कर देते हैं।
-सुल्तान सिंह, प्रभारी जिला साइबर सेल