आगरा। ट्रेनों में चलने वाले एस्कॉट पर कंट्रोल रुम की नजर रहेगी। जीआरपी के कंट्रोल रुम में एक एंड्रॉयड एप सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इस सिस्टम से सभी के मोबाइल को कनेक्ट किया गया है। वहीं दूसरी ओर कंट्रोल रुम से फायर सर्विस और 112 को पहले कनेक्ट किया जा चुका है। इससे ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स को किसी भी इमरजेंसी में क्विक रिस्पांस मिल सकेगा।


ऐसे करेगा काम, मिलेंगी कई सुविधाएं
जीआरपी ने सभी अधिकारियों और जीआरपी फोर्स कांस्टेबल, सीओ, एसओ, एसआई के मोबाइल कंट्रोल रूम से कनेक्ट किए गए हंै। बता दें कि जीआरपी द्वारा जो सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया है। उसे मोबाइल एंड्रायड एप से कनेक्ट किया गया है। इसके लिए 16 जिले के सभी कांस्टेबल, दरोगा, सीओ, एसपी के सीयूजी मोबाइल नंबर अन्य श्रेणी के कर्मचारियों के पर्सनल मोबाइल नंबर फीड किए गए हैं। सभी ने अपने मोबाइल में इस एंड्रायड एप को डाउनलोड कर लिया है। अपने सीयूजी मोबाइल नंबर को जैसे ही बॉक्स में डालेंगे तो एप ओपन हो जाएगा। इसके बाद उनके मोबाइल पर वैरीफाइड ओटीपी आएगा। इसको बॉक्स में डालते ही एप लॉगिन हो जाएगा। लॉगिन होते ही इसमें तमाम ऑप्शन खुलकर आएंगे। आपको अपनी जरुरत के हिसाब से ऑप्शन का चयन करना होगा। इसमें लाइव ड्यूटी, ट्रांसफर, जीआरपी अनुभाग का ड्यूटी चार्ट, डयूटी लगने की स्थिति, एवीडेंस, रिपोर्ट, मेडिकल, दस्तावेज, लोकेशन आदि के हिसाब किसी एक का चयन कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा। इस पर क्लिक करने पर इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारी के पास सूचना पहुंच जाएगी।

जिओमैपिंग से थाने किए कनेक्ट
थानों को जिओमैपिंग से कनेक्ट किया गया है। जीआरपी के इंटीग्रेटेड कंट्रोल रुम से कनेक्ट किया गया है। जैसे ही कोई पैसेंजर्स 112 पर कॉल करेगा तो सूचना जीआरपी के कंट्रोल में लोकेशन डिसप्ले पर शो होगी। यहां से सूचना को संबंधित थाने को फॉरवर्ड कर दिया जाएगा। आउटर होने से सिविल थाने की फोर्स भी पहुंचेगी।

पहले ये थी व्यवस्था
ट्रेन में यात्रा करते समय अगर किसी पैसेंजर्स के साथ कोई घटना होने पर वह जीआरपी के व्हाट्सएप नं 9454402545 और 1912 पर कंप्लेन की जाती थी। यदि घटना आउटर से बाहर हुई है, तो रिपोर्ट दर्ज कराने में भी दिक्कत आती थी। एक-दूसरे के थाने की घटना कहकर टाल देते थे, ऐसे में जीआरपी थाना दूर होता था, तो सिविल पुलिस कोई हस्तक्षेप नहीं करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डायल-112 पर संपर्क करने पर तुरन्त एक्शन होगा।



ये हैं जीआरपी के काम
ट्रेनों की अन्दर की सुरक्षा, क्राइम, सीआरपीसी, आईपीसी, क्रिमिनल्स मुकदमों की विवेचना करना। स्टेशन पर पैंसेंजर्स की सुरक्षा, पैंसेजर्स के सामान की चोरी रोकना, पैसेंजर्स को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना जीआरपी की जिम्मेदारी है।

बॉक्स
-65 थाने प्रदेश में जीआरपी के
- 6 कंट्रोल रुम एसपी स्तर पर हैं
- 12 जीआरपी के थाने आगरा अनुभाग में
- 21 चौकी
- 1 एसपी
-2 सीओ
-12 एसओ
- 21 से ज्यादा एसआई
-950 कांस्टेबल
-40-50 -रिजर्व पुलिस लाइन


इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया। अब किसी को हार्ड कॉपी लेकर आने की जरुरत नहीं है। सभी कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। एस्कॉर्ट पर भी नजर रखी जा रही है। चुनाव को देखते हुए विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
मुश्ताक अहमद, एसपी, जीआरपी।