स्टूडेंट्स को ऑनलाइन फ्र ॉड समझाना जरुरी
जिला साइबर सेल के सबइंस्पेक्टर सुबोध मान ने बताया कि बदलते समय के साथ जिस तरह से हमारा डिजिटल जीवन हमारी दुनिया से उलझ गया है, वह माता-पिता,केयरटेकर और टीचर्स के लिए नई, बड़ी चुनौतियां लेकर आया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चों को ऑनलाइन जानकारी पढऩा और समझना व आम तौर पर इंटरनेट पर नेविगेट करना सिखाना आवश्यक है। खासकर ऑनलाइन फ्र ॉड के बारे में स्टूडेंट्स को अवेयर करना जरूरी है। जैसे-जैसे बच्चे अपने स्कूल की दिनचर्या के आदी हो जाते हैं, वे इंटरनेट की तरफ अधिक आकर्षित होते जाते हैं। यह सही समय है, जब पेरेंट्स और टीचर्स को स्टूडेंट्स को सुरक्षित डिजिटल जीवन की जानकारी रखना जरुरी है।
वीडियो गेम पर रखें मजबूत पासवर्ड
बड़ों की तरह बच्चे भी पासवर्ड सुरक्षा को लेकर काफी परेशान रहते हैं। ऐसे में आप उन्हें यह समझाकर मदद कर सकते हैं कि उन्हें मजबूत और यूनिक पासवर्ड का उपयोग क्यों करना चाहिए और उन पासवर्ड को निजी रखना चाहिए। इतना ही नहीं यहां तक कि उनके वीडियो गेम के साथ भी, एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए, जो उनकी गेम इन्वेंट्री को गलत हाथों में जाने से सुरक्षित रखेगा।
व्यक्तिगत जानकारी रखें सुरक्षित
स्टूडेंट्स को इस बात का महत्व समझाना जरूरी है कि डेटा का महत्व होता है, लेकिन ध्यान रखें कि किशोर भी हमेशा अपनी व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन सौंपने की खामियों को नहीं समझते हैं और फिशिंग जैसे साइबर क्राइम का शिकार हो सकते है। ऐसे में उन्हें समझाएं कि उन्हें कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति की दी गई लिंक नहीं खोलने चाहिए, जिन्हें वे नहीं जानते हैं, और अगर कोई मित्र मैसेजिंग ऐप के जरिए से कुछ भेजता है, तो उस पर क्लिक करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी कर लें।
डेटा कलेक्ट कर करते हैं फेक कॉल्स
डिजिटल युग में बड़े होने का मतलब है कि आपका सारा डेटा ऑनलाइन होना, चाहे वह सरकारी मंच पर हो या पेरेंट्स की सोशल मीडिया प्रोफाइल हो। डेटा महत्वपूर्ण है, साइबर फ्र ॉड इसका प्रयोग कर लोगों के संपर्क में आकर उनको ठगी का शिकार बनाते हैं। साइबर फ्र ॉड कॉल करने के बाद लोगों को गुमराह कर झांसे में लेते हैं, और ठगी का शिकार बनाते हैं।
शेयर ना करें अपनी डिवाइस
लैपटॉप, फोन और टैबलेट जैसे मोबाइल उपकरणों ने पर्सनल कंप्यूटरÓ की सोच में नया अर्थ जोड़ दिया है। बच्चे अक्सर तस्वीरें दिखाते समय, मोबाइल वीडियो गेम खेलते समय या फिर टिकटॉक पर कुछ चेक करते समयÓ अपने डिवाइस को दोस्तों के साथ शेयर कर देते है। अगर ऐसा होता भी है तो यह हमेशा उनकी देखरेख में ही किया जाना चाहिए। नहीं तो हो सकता है कि कोई आपकी पर्सनल तस्वीरें किसी और के साथ शेयर कर दे।
अनजान लोगों से भरा है इंटरनेट
एक और सबजेक्ट जिसमें पेरेंट्स और टीचर्स को अर्लट रहना चाहिए, वो अजनबी खतरा हैं। बच्चों को यह बताने के अलावा कि वे किसी अनजान की कार में प्रवेश न करें, उन्हें याद दिलाएं कि इंटरनेट अजनबियों से भरा एक बड़ा सार्वजनिक स्थान है। बताएं कि क्या हो सकता है, और किसी भी नुकसान को कैसे रोका जाए।
स्टूडेंट्स को समय-समय पर साइबर क्राइम से जुड़ी जानकारी मिलनी चाहिए, जिससे वे खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखने का काम कर सकें।
सोनिका चौहान, प्रिंसिपल होली पब्लिक जूनियर कॉलेज
स्कूल एक ऐसा मंच है, जिसमें समाज के हर वर्ग का बच्चा जुड़ा है, साइबर क्रिमिनल वर्तमान में लोगों को तेजी से अपना शिकार बना रहे हैं, ऐसे में स्कूली बच्चों को इस तरह के क्राइम के प्रति अवेयर करना आवश्यक है।
सम्मी तोमर, डायरेक्टर
स्टूडेंट्स ने सीखे टिप्स
स्कूल में आज साइबर से जुड़ी जानकारी शेयर की गई, हमें नहीं पता था कि फोन पर आने वाले लिंक से अकाउंट खाली हो सकता है.
आज हमने जाना की डेटा कितना महत्वपूर्ण होता है, हमें किसी अनजान व्यक्ति के साथ उसको शेयर नहीं करना चाहिए। इससे साइबर फ्र ॉड हो सकता है.
स्कूल में आज हमने जाना कि गूगल पर दी गई हर जानकारी सही नहीं होती है। पूरी तरह अपडेट होने के बाद ही उसको फॉलो करना चाहिए.
मोबाइल फोन को इस्तेमाल करते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, अनजान लोग अगर कुछ पूछते हैं तो उनको ब्लॉक करना चाहिए।
हमें अपने मोबाइल का पासवर्ड मजबूत रखना चाहिए, बर्थडे जैसी कोई भी डेट नहीं होनी चाहिए, इसको साइबर फ्र ॉड आसानी से ट्रैक कर सकते हैं.