आगरा(ब्यूरो)। भीमसेन बैजनाथ स्वीट्स के ओनर योगेंद्र सिंघल ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि पितरों को उड़द की दाल से बने उत्पादों का ही भोग लगाया जाता है। पुराने समय में उड़द की दाल से इमरती और हलवा ही मिठाई के रूप में बन पाता था। तभी से पितृ पक्ष में इमरती बनाने का चलन है। वैसे तो इमरती को कई जगह पर बनाया जाता है। लेकिन ब्रज की घी की इमरती काफी खास है। ब्रज में कभी दूध-घी की कमी नहीं रही तो यहां पर इसे देशी घी में ही पकाया जाता है। देशी घी में यह अच्छी तरह से सिक जाती है और इसका टेस्ट उभर कर आता है।
आगरा की इमरती फेमस
उन्होंने बताया कि जब उड़द की दाल की लच्छेदार इमरती को बनाने की कला भी आगरा के कारीगरों में कुछ खास है। वह इसे पूरे मन से और अच्छी डिजाइन में बनाते हैैं। यूं तो अब इमरती बनाने के लिए मशीनें भी आ गई हैैं लेकिन जो बात हाथ की कारीगरी में हो वो मशीन में नहीं है। इसलिए इमरती को अभी भी हाथ से ही बनाया जाता है।
गरम-गरम खाने आते हैैं ग्राहक
भगत हलवाई के ओनर शिशिर भगत बताते हैैं कि इमरती को पितृ पक्ष में ही इसलिए बनाया जाता है कि क्योंकि इन दिनों हर घर में इसकी डिमांड होती है। ऐसे में ग्राहक भी इन दिनों में ही इमरती के स्वाद का आनंद लेते हैैं। उन्होंने बताया कि इमरती को गरम-गरम खाने में अलग ही आनंद आता है। कुछ ग्राहक तो पितृ पक्ष में दुकान पर आकर अपनी आंखों के सामने गरम-गरम इमरती को सिकवाते हैैं इसके बाद में गरम-गरम खाते हैैं।
पितरों को उड़द की दाल से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है, इस कारण पितृ पक्ष में इमरती बनाने का चलन शुरू हुआ। ग्राहक भी गरम-गरम इमरती को खाना खूब पसंद कर रहे हैैं।
- योगेंद्र सिंघल, ओनर, भीमसेन बैजनाथ स्वीट्स
आगरा में देशी घी की इमरती काफी फेमस है। इन दिनों रोजाना ग्राहक आकर गरम-गरम इमरती खा रहे हैैं। टूरिस्ट भी आगरा की इमरती को खूब पसंद करते हैैं।
- शिशिर भगत, ओनर, भगत हलवाई
घर में पितृ पक्ष में इमरती आती है। ऐसे में घर के अन्य सदस्यों को भी इमरती काफी अच्छी लगती है। मैैं रोज गरमागरम इमरती खाने आता हूं।
- जीत, ग्राहक
मुझे इमरती खाना बचपन से पसंद है। पितृ पक्ष में जब भी घर पर इमरती आती थी तो मैैं इसे जरूर खाता था। अभी भी मुझे यह काफी पसंद है।
- धीरज, ग्राहक