आगरा(ब्यूरो)। शहर के संजय प्लेस स्थित नुक्कड़ रेस्टोरेंट जिसको आठ वर्ष पहले भावना क्वात्रा ने खोला था। पति के बिजनेस में नुकसान के बाद उन्होंने प्राइवेट जॉब को ट्रॉय किया, लेकिन उनको जॉब नहीं मिली। ऐसे में उन्होंने अपने साथ ऐसी महिलाओं को भी रोजगार देने का मन बनाया जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। परिवार में भावना खाना बहुत लजीज तैयार करती थीं, जिससे परिवार के सभी सदस्य उनके हुनर की तरीफ करते थे।

परिवार से मिला साथ तो खोला रेस्टोरेंट
भावना क्वात्रा ने बताया कि एक समय ऐसा था जब वो आर्थिक समस्या के चलते काफी परेशान रहीं, इधर पति बृजेश क्वात्रा का भी बिजनेस में मोटा नुकसान हो गया था। ऐसे में परिवार के सभी सदस्यों ने उनका साथ दिया और तब उन्होंने नुक्कड़ रेस्टोरेंट खोलने का मन बनाया। रेस्टोरेंट के लिए जगह भी देखी गई, कई जगह देखने के बाद संजय पैलेस में किराए पर रेस्टोंरंट खोला गया।

बेरोजगार महिलाओं का समझा दर्द
रेस्टोरेंट चलाने वाली भावना ने बताया कि वो बेरोजगार महिलाओं के दर्द को बहुत अच्छी तरह समझती हैं, तब उन्होंने उसी रेस्टोरेंट में ऐसी महिलाओं को रोजगार देने का मन बनाया जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन पर किसी न किसी वजह से परिवार की जिम्मेदारी है। ऐसी एक दर्जन महिलाओं को रेस्टोरेंट रोजगार दिया गया।

महिलाएं ही तैयार करती हैं घर जैसा खाना
दूर-दराज से आकर शहर में जॉब करने वाले लोगों के सामने बाहर का खाना लेना एक बड़ी समस्या है, उन्हें कहीं न कहीं मजबूरी में होटल या रेस्टोरेंट में खाना लेना पड़ता है। जिससे वे लंबे समय के बाद किसी न कि सी बीमारी का शिकार बन जाते हैं। ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है खाना क्या खाएं। कई लोग बीमारी से ग्रसित होते हैं। उन्हें तला हुआ और अन्य तरीके के फास्ट फूड खाने से परहेज करना होता है। ऐसे लोगों के लिए घर जैसा भोजन देने वाला नुक्कड़ रेस्टोरेंट सही विकल्प है। भावना क्वात्रा ने बताया कि नुक्कड़ रेस्टोरेंट का उद्देश्य लोगों को घर जैसा अच्छा भोजन उपलब्ध कराना है। इसकी खास बात यह है कि यहां सभी घरेलू महिलाएं काम करती हैं। इसको चलाती भी एक घरेलू महिला ही हैं। घर में खाना बनाकर लोगों की सेहत का ध्यान रखने वाली महिलाएं अब लोगों के लिए खाना बना रही हैं।

बेरोजगारी के साथ नहीं टेक्निकल हुनरमंद
यह रेस्टोरेंट अच्छा खाना उपलब्ध कराने के साथ ही महिला सशक्तिकरण का भी अच्छा उदाहरण है। यहां सिर्फ महिलाएं काम करती हैं। ऐसी महिलाएं जो बेरोजगार होने के साथ-साथ टेक्निकल रूप से हुनरमंद नहीं थीं। वह घर में सिर्फ खाना बनाती थीं। आज यह महिलाएं अपने खाना बनाने के गुर से समाज में आत्मसम्मान के साथ जीवनयापन कर रही हैं। वे सभी इस काम से खुश हैं, अपनी जिम्मेदारी को पूरी गंभीरता से पूरा करती हैं।

घरेलू महिलाएं भी बनी आत्मनिर्भर
भावना क्वात्रा ने बताया कि शुरू में एक-दो लोग आते थे लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी। दिन रात मेहनत करके रेस्टोरेंट को खड़ा किया। उन महिलाओं को काम दिया, जोकि ना ही प्रोफेशनल कुक हैं और ना ही कोई प्रोफेशनल कोर्स किया है। रेस्टोरेंट में काम करने के लिए घरेलू महिलाओं को रोजगार दिया है। जिन्हें कोई अपने यहां पर काम भी नहीं देता था। उन्हें भावना ने सहारा दिया।

सभी महिलाएं करती हैं एक दूसरे का सहयोग
भावना ने बताया कि आज लोग हमारे यहां का खाना पसंद कर रहे हैं। इस रेस्टोरेंट में कम दामों में घर जैसा सादा भोजन मिलता है। खाना ना ही ज्यादा स्पाइसी होता है और ना ही ज्यादा ऑयली। इसे खा कर लोग घर जैसे खाने का अनुभव करते हैं। रेस्टोरेंट में आभा, वविता बैजंती और सीतल, गुंजन के अलावा अन्य महिलाएं एक दूसरे का सहयोग कर काम करती हैं।


एक छोटे से नुक्कड़ से शुरू किया था। आज देखते ही देखते उनके रेस्टोरेंट का खाना लोगों को खूब भी रहा है। नुक्कड़ से शुरू किया इसलिए नुक्कड़ रेस्टोरेंट नाम रख दिया। इस रेस्टोरेंट का उदेश्य बेरोजगार और जरुरतमंद महिलाओं को रोजगार देना हैं।
भावना क्वात्रा