आगरा(ब्यूरो)। ड्रग विभाग की सुस्ती के कारण इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। नशे में इस्तेमाल हो रहे कोडिन युक्त सिरप की खरीद फरोख्त को लेकर सोमवार को स्टिंग ऑपरेशन किया गया, इसमें कोडिन युक्त सिरप की बिक्री खुले आम की जा रही है।
शहर से आसपास के इलाकों में खपत
शहर में फब्बारा दवा मार्केट की दुकानों से कोडिन युक्त सिरप की बिक्री की जा रही है। मार्केट में कुछ मेडिकल दुकानों में दवा की आड़ में प्रतिबंधित कोडिनयुक्त कप सिरप ही बेच रहे हैं। जिस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। वहीं, शहर में मेडिकल की दुकानों में दवा की आड़ में कोडिन युक्त कफ सिरप की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। एक दुकानदार ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि दवा मार्केट में बड़े स्तर पर मेडिकल की दुकानों के अलावा आसपास के जिलों में भी सप्लाई की जा रही है।
युवाओं के लिए नशे का विकल्प कोडिन
शहर की गलियों में दर्जनों प्रतिबंधित कफ सिरप की खाली बोतलें कचरे में फेंकी जा रही हैं। इससे ही अनुमान लगाया जा सकता है कि शहर की मेडिकल दुकानों में दवा की आड़ में प्रतिबंधित कफ सिरप बेचा जाता है। सूत्रों का कहना है कि सिरप की खरीद फरोख्त करने वाले अधिकतर युवा हैं। इसके अलावा महिलाएं भी दवा की आड़ में इसका सेवन कर रहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि इसका प्रयोग युवा नशे के लिए करते हैं।
इस तरह तैयार हो रहा कोडिन
अफीम से 'कोडीनÓ बनाया जाता है। एक बोतल कफ सिरप में 3 प्रतिशत तक कोडीन होता है। कोडीनयुक्त कफ सिरप एक-दो चम्मच पीने पर दवा की तरह काम करता है, पर पूरी बोतल गटकने पर शराब की तरह नशा होता है। विशेषकर टीवी, दमा जैसी बीमारियों से ग्रसित रोगियों को कोडीन वाले कफ सिरप दिए जाते हैं।
क्रिमिनल भी गटक रहे कफ सिरप
शराबी ही नहीं बल्कि क्रिमिनल्स भी विवशता में कफ सिरप पी जाते हैं। पिछले दिनों राजौरा बंधुओं की फैक्ट्री से करोड़ों रुपए के कोडिन युक्त सिरप बरामद किए गए थे, जिसमें मशीन का लाइसेंस मथुरा के नाम से लिया गया था, जबकि सिकंदरा के शास्त्रीपुरम क्षेत्र में सिरप तैयार किया जा रहा था, जिसकी खपत शहर में दवा की दुकानों में की जाती थी, अधिकतर क्रिमिनल्स इसका इस्तेमाल करते हैं, इससे दोगुना अधिक मुनाफा मिलता था। हकीकत में ऐसे मामलों की फेहरिस्त लंबी है।
5 रुपए की स्ट्रिप्स, 500 रुपए में
फब्बारा स्थित एक दुकानदार ने बताया कि नशे की दवा की एक स्ट्रिप्स का रेट पांच रुपए है, जोकि आसानी से आम ग्राहकों को नहीं मिलती है। दुकानदार अधिक मुनाफे के चक्कर में इन टेबलेटस को उन्हीं ग्राहकों को देते हैं, इनको वे जानते हैं या किसी डॉक्टर के द्वारा इसको लिखा जाता है। इससे दुकानदार अधिक मुनाफा कमाते हैं।
दवा की दुकानदार से बात-चीत
रिपोर्टर, खांसी का सिरप होगा क्या?
सेल्समेन, कौन सा चाहिए आपको
रिपोर्टर, कोडिन युक्त कफ सिरप होगा
सेल्समैन, मिल जाएगा, लेकिन समय लगेगा
रिर्पोटर, कितने का है सिरप
सेल्समैन, 140 रुपए का मिल जाएगा
रिपोर्टर, सिरप प्रिंट रेट तो सौ रुपए
सेल्समैन, लेना है तो बताओ दूसरी दुकान से मंगाया है
रिपोर्टर, नहीं चाहिए, फिर कोई और देें
रिपोर्टर, बेनाड्रिल ही दे दो
सेल्समैन, ठीक है, 110 रुपए का हैं।
शास्त्रीपुर मेें छापामार कार्रवाई के दौरान नशे की सिरप बरामद किए गए थे, जो बाहरी राज्यों के अलावा स्थानीय केमिस्ट की दुकानों पर सप्लाई कि ए जाते थे, पूछताछ में गायत्री केमिस्ट का नाम प्रकाश में आया है, जहां से अन्य दुकानों पर खपत की जाती है।
अतुल उपाध्याय, ड्रग असिस्टेंड कमिश्नर
पिछले दिनों छापामार कार्रवाई मेें करोड़ों रुपए के नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कोडिन युक्त सिरप बरामद किए गए हैं, माफियााओं के परिवार के सदस्यों की भी जांच की जा रही है, पता चला है कि वे इसके नाम पर नशे की सिरप की खरीद फारोख्त करते हैं।
इरफान नाशिर, डिप्टी एसपी, एएनटीएफ आगरा जोन