आगरा (ब्यूरो) सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में नकली-नशीली दवाइयों की फैक्ट्री पर छापा मारकर दवा माफिया समेत दस लोगों को जेल भेजा गया था। फैक्ट्री से 4.50 करोड़ की नकली-नशीली दवाएं और 3.50 करोड़ रुपए की मशीनें बरामद की थीं। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स नकली-नशीली दवाओं के दूसरे शहरों में फैले नेटवर्क पर शिकंजा कसने के लिए उसकी कुंडली तैयार कर रही है। नेटवर्क से जुड़े आधा दर्जन से अधिक लोग अभी पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं।

22 अक्टूबर को मारा था छापा
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में नकली-नशीली दवाइयों की फैक्ट्री पर 22 अक्टूबर को छापा मारा था.यहां नकली और नशीली दवाइयां बनाकर उन्हें कई राज्यों और शहरों में खपाया जा रहा था। मौके से दवा माफिया विजय गोयल उसका मैनेजर नरेंद्र शर्मा, दवाओं को बाजार में खपाने वाला अमित पाठक समेत दस लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। मुकदमें 15 लोगों को नामजद किया था। जिसमें चार आरोपित भूदेव, सूरज गौर, रोहित कुशवाह, मुकेश कुमार अभी तक पुलिस के हाथ नहीं आए हैं।


पुलिस और एएनटीएफ की पूछताछ में दिल्ली, अजमेर और प्रदेश के कई जिलों में ङ्क्षसडिकेट से जुड़े लोगों के नाम सामने आए थे। दवा माफिया ने बताया कि एल्प्राजोरम टेबलेट और प्राक्सिविन स्पाश कैप्सूल की खेप दिल्ली में मनोज रस्तोगी, अजमेर में हेमंत कुमार, बिजनौर में धर्मेंद्र, सहारनपुर में विभोर विपिन बंसल और अमित, मुरादाबाद में जतिन कुमार, मुरादाबाद में जतिन कुमार को देते थे। सीओ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स इरफान नासिर ने बताया कि पूछताछ में ङ्क्षसडिकेट से जुड़े जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनका नाम-पता तस्दीक किया जा रहा है। ङ्क्षसडिकेट से जुड़े अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।