इस तरह तैयार होगा सर्किल
आगरा के चारों ओर प्रस्तावित रिंग रोड के तहत इनर रिंग रोड, न्यू दक्षिणी बाईपास और उत्तरी बाईपास का निर्माण होना है। इसमें से इनर रिंग रोड के दो फेज की की रोड और न्यू दक्षिणी बाईपास बनकर तैयार है। नॉर्दर्न बाईपास और इनर रिंग रोड के थर्ड फेज का काम चल रहा है। इसकी लंबाई 14 किमी है, जो रैपुरा जाट से होकर गुजर रही है। इसका निर्माण मिडावली, सादाबाद हाथरस तक होना है। यह बाईपास छह लेन का होगा और इसमें यमुना नदी पर नया पुल भी बन रहा है।
483 करोड़ की लागत से हो रहा तैयार
नॉर्दर्न बाईपास के तैयार हो जाने से फिरोजाबाद, कानपुर, इटावा और टूंडला जाना और भी आसान हो जाएगा। इसके लिए 483 करोड़ रुपए की लागत से बाईपास का निर्माण हो रहा है। वैसे तो इसे तैयार करने का टारगेट फरवरी 2025 तक का रखा गया है, लेकिन इसे समय से पहले ही तैयार करने का दावा किया जा रहा है। एनएचएआई ऑफिशियल के अनुसार 14 किमी लंबे बाईपास में से सात किमी का डामरीकरण पूरा हो चुका है। इसका 70 परसेंट काम पूरा हो चुका है।
इनर रिंग बनने का कार्य भी तेजी से चल रहा
नेशनल हाईवे-19 को ग्वालियर हाईवे से जोडऩे के लिए इनर रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है। थर्ड फेज में बन रही रोड का पहला चरण पूरा हो गया है। हाईवे से लेकर फतेहाबाद रोड तक यह रोड साढ़े 10 किमी लंबा है। फतेहाबाद रोड से देवरी रोड तक दूसरे फेज की रोड का भी निर्माण पूरा कर लिया है। दोनों फेज की रोड का निर्माण एडीए ने किया है, जबकि थर्ड फेज की रोड का निर्माण एनएचएआई आगरा खंड की टीम कर रही है। देवरी रोड को ग्वालियर हाईवे से जोडऩे के लिए इनर रिंग रोड का 60 परसेंट से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। इसके मार्च 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है।
15 हजार भारी वाहन शहर से गुजरते हैं रोज
200 भारी वाहनों की शहर में होती है लोडिंग-अनलोडिंग
14 किमी लंबा है नार्दर्न बाईपास
8 किमी लंबा है इनर रिंग रोड का थर्ड फेज
नॉर्दर्न बाईपास
- नेशनल हाईवे-19 स्थित रैपुरा जाट से मिडावली सादाबाद हाथरस तक बनेगा।
- 483 करोड़ रुपए की लागत आ रही है।
- बाईपास को यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा।
- इससे शहर से होकर गुजरने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी।
- एनएचएआई आगरा खंड की टीम बाइपास का तेजी से निर्माण कर रही है।
- इस रोड की लंबाई 17 किमी है।
इनर रिंग रोड का थर्ड फेज
- वर्ष 2008-09 में एडीए ने रिंग रोड योजना की शुरुआत की।
- देवरी रोड से ग्वालियर रोड तक इनर रिंग रोड के तीसरे चरण की रोड बन रही है।
- आठ किमी लंबी रोड 350 करोड़ रुपए से तैयार होगी।
- यह रोड बनने से इनर रिंग रोड के थर्ड फेज का काम पूरा हो जाएगा।
- इससे वाहन यमुना एक्सप्रेस से सीधे ग्वालियर रोड पहुंच सकेंगे।
200 भारी वाहन होते हैं रोज लोड-अनलोड
ट्रांसपोर्ट चैंबर के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि शहर में रोज 10 से 15 हजार वाहन गुजरते हैं। जबकि शहर में सिर्फ 200 से 300 वाहन लोड-अनलोड होते हैं। अगर इनर रिंग रोड का काम पूरा कर लिया जाए तो ये वाहन शहर से बाहर ही बाहर निकल जाएंगे। ये शहर के अंदर नहीं आएंगे तो सड़क हादसे भी नहीं होंगे।
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इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए। ये प्रोजेक्ट पहले से ही काफी डिले है। जिसके चलते शहर में भारी वाहनों की एंट्री होती है। रोज करीब 10 से 15 हजार वाहन शहर से गुजरते हैं। हालांकि न्यू दक्षिणी बाईपास बनने से इसमें जरूरी कुछ कमी आई है। लेकिन अब भी एमजी रोड और यमुना किनारा से भारी वाहन गुजरते हैं।
वीरेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट चैंबर
एमजी रोड और यमुना किनारा से भारी वाहन गुजरते हैं। जबकि इन्हें न तो शहर में सामना लादना है और न उतारना है। इनको शहर में एंटर होने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की हुई है। आगरा किला और ताजमहल के पास से भारी वाहन गुजरते हैं। जबकि आईआईटी कानपुर ने भी अपनी रिपोर्ट में ताजमहल के पास हैवी ट्रैफिक के आवागमन रोकने की बात कही थी। नार्दर्न बाइपास को लेकर शुरू से ही प्रयास किया गया, लेकिन इस पर निर्णय लेने में काफी देरी हुई। अब इन प्रोजेक्ट को जल्द पूरा होना चाहिए। इससे शहर में होने वाले सड़क हादसों को रोकने में भी मदद मिलेगी।
केसी जैन, सचिव, आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन
उत्तरी बाईपास का 70 परसेंट कार्य कंप्लीट कर लिया गया है। इसे फरवरी 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। जबकि रिंग रोड के थर्ड फेज का 60 परसेंट कार्य पूरा हो गया है। इसे इसी वर्ष दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
संजय वर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आगरा खंड, एनएचएआई