ड्राइवर को रोकने का नहीं किया प्रयास
गोङ्क्षवद नगर का वायरल वीडियो दो दिन पुराना बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में दो कुत्ते सड़क पर सोते दिखाई दे रहे हैं। पास में ही खड़ी सफेद रंग की कार अचानक चल देती है। कार के सामने सोते कुत्ते पर अगला पहिया चढ़ जाता है। इस दौरान कार के शीशे खुले हुए हैं। पिछली सीट की खिड़की पर एक बैठा एक व्यक्ति कुत्ते को पहिए के नीचे आते देख रहा है। वह चालक को रोकने का प्रयास नहीं करता। कार का पिछला पहिया भी कुत्ते को कुचलकर चला जाता है। बुधवार को वीडियो वायरल होने के बाद अखिल भारत ङ्क्षहदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंच गए। महासभा के अध्यक्ष विशाल कुमार ने तहरीर दी। एसीपी मयंक तिवारदी ने बताया मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। कार नंबर के आधार पर आरोपी का पता लगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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महिला ने किया अंतिम संस्कार
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि कार से रौंदे गए कुत्ते का शव काफी देर तक सड़क पर पड़ा रहा। कॉलोनी में रहने वाली वृद्ध महिला ने लोगों की मदद से पास ही खाली स्थान कुत्ते का अंतिम संस्कार कराया।
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कुत्तों के साथ पूर्व में हुई क्रूरता की घटनाएं
- 15 फरवरी 2024: को शास्त्रीपुरम में कुत्ते को युवकों ने डंडे से पीटकर मरणासन्न किया। उसके दोनों पैर रस्सी से बांधकर बाइक से घसीटा। दोनों आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई.
- 8 मई 2023: लंगड़े की चौकी क्षेत्र में कुत्ते को बोरे में बंद कर पीटा गया और शव को वाटरवक्र्स चौराहे पर कूड़े के ढेर में फेंक दिया.
- 30 जून 2021: सदर के नामनेर क्षेत्र में मोहन बाबू के पालतू कुत्ते के भौंकने पर गौरव भार्गव ने गोली मार दी थी।
- 23 जनवरी 2023: टेढ़ी बगिया इलाके में एक कुत्ते और दो पिल्लों को गत्ते के डिब्बे में बंद कर कोई पेट्रोल पंप के पास छोड़ दिया गया।
- 13 जून 2018: फूल सैयद चौराहे के सड़क निर्माण के दौरान सोते हुए कुत्ते के ऊपर गर्म चारकोल और कंक्रीट बिछाने का मामला सामने आया था।क्या कहता है कानून?
एडवोकेट हरिओम शर्मा ने बताया कि नियम के मुताबिक आप किसी आवारा कुत्ते को उसकी जगह से नहीं हटा सकते हैं, यानी उसे किसी सोसाइटी या फिर मोहल्ले से ऐसे ही नहीं हटाया जा सकता है। धारा 428 और 429 के तहत आवारा कुत्तों को मारना अपराध है। अगर कोई आवारा कुत्तों को मारने या परेशान करने की कोशिश करता है तो इसकी शिकायत पुलिस में भी की जा सकती है। ऐसे जानवरों को मारने या फिर जहर देने के लिए पांच साल तक की जेल हो सकती है, वहीं क्रूरता के लिए तीन महीने तक जेल में काटने पड़ सकते हैं।