आगरा( ब्यूरो) पिछले दिनों ताज का एक वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को टैग करते हुए एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट के जवाब में एएसआई ने अखिलेश को बिंदुवार जबाव दिया। इसमें ये भी लिखा कि ताज पर पिछले एक साल में किसी भी पर्यटक द्वारा बंदर के काटने की शिकायत नहीं की गई। बात यहां के हालातों पर करें तो ताज महल यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है। यहां बड़ी संख्या में विदेशी और भारतीय पर्यटक इस स्मारक का दीदार करने आते हैं। यहां इन पर्यटकों को बंदरों और कुत्तों से रूबरू होना पड़ता है। हालिया दिनों में बंदरों के हमले के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं। लम्बी कवायद के बाद भी नगर निगम और एएसआई इसका समाधान नहीं निकाल पाए हैं। ऐसा लगता है कि अगर बंदरों के लिए भी टिकट की व्यवस्था हो तो शायद ये इतनी संख्या में ताज में न जाएं।
बंदरों के हमले के वीडियो हो चुके हैं वायरल
ताज महल में पूर्वी गेट परिसर के बाहर पर्यटक बंदरों से परेशान हैं। कई बार बंदर खाने पीने की चीजों को छीनने के चक्कर में पर्यटकों पर हमला कर देते हैं। ऐसे में पर्यटक डर कर भागते हैं। इससे वे गिर कर घायल हो जाते हैं। वायरल वीडियो में पर्यटकों को बंदरों से डर कर भागते हुए देखा जा सकता है। कुछ दिन पूर्व ताज के पूर्वी गेट से एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में महिला पर्यटक पैदल जा रही है। बंदर आता है। महिला से कोल्डडिं्रक की बोतल छीनता है। डर की वजह से महिला पर्यटक गिर जाती है बंदर महिला को डराने की कोशिश करता है। इस तरह के कई वीडियो ताज से सामने आ चुके हैं।
नगर निगम ने चलाया था अभियान
ताज पर बंदरों और कुत्तों की समस्या को लेकर एएसआई ने नगर निगम को पत्र लिखा था। नगर निगम ने इसके बाद अभियान चलाया था। अभियान के दौरान नगर निगम की टीम ने जिला अस्पताल आगरा किला और कई अन्य जगहों से बंदरों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया था। अभियान के बाद भी ताज पर बंदरों की समस्या में कोई कमी नहीं आई। आए दिन पर्यटक बंदरों के झुंड का शिकार बन चुके हैं। पिछले कुछ समय पहले बंदरों को वन्य जीव की सूची से हटा दिया गया था, लेकिन फिर भी ताज सहित इन स्मारकों पर बंदरों की संख्या में कोई कमी नहीं आ पा रही है।
नसबंदी के लिए बना चार करोड़ का बजट
नगर निगम ने शहर में बंदरों की नसबंदी कराने की योजना बनाई थी। इसके लिए चार करोड़ का बजट भी निर्धारित किया गया था अभियान में चरण वार बंदरों की नसबंदी की जानी थी। पहले चरण में करीब 10 हजार बंदरो की नसबंदी के दावे किए गए थे। नगर निगम के मुताबिक जुलाई तक करीब 8 हजार बंदरों की नसबंदी कर दी गई है। इसके बावजूद भी शहर में बंदरोब की संख्या कम नहीं हो पा रही है। शहर में लगभग 90 हजार बंदर हैं।
हाईटेक मशीनों से भगाए जाएंगे बंदर
पिछले साल ही लगभग एक दर्जन से अधिक घटनाएं बंदरों के हमले की दर्ज हुई। इसके बाद इनके समाधान पर कवायद शुरू हुई। कुछ दिन पहले ही एडीजी आईबी और एडीजी सुरक्षा ने ताजमहल का दौरा किया। इस दौरान बैठक में बंदरों की समस्या उठाई गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि बंदरों की समस्या के लिए ताज पर 15 प्वाइंट पर हाईटेक अल्ट्रासोनिक मंकी रिटेलर मशीन लगाने का निर्णय लिया गया। इन मशीनों से बंदरों को भगाया जाएगा।
केस एक-
-नवंबर 2023 में कर्नाटक से आए एक पर्यटक पर ताजमहल के पूर्वी गेट के पास कुत्ते ने हमला कर दिया था। इस हमले में पर्यटक का पैर बुरी तरह से घायल हो गया था। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।
केस दो
-जून 2024 में एक महिला पर्यटक को कुत्ते ने काट लिया था। महिला के पैर पर केवल डिटॉल लगाया गया था और उसे एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं मिल पाई थी। महिला के साथ आए पर्यटकों ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए थे।
पर्यटक खाने पीने का सामान ले कर आते हैं बंदर अक्सर इस सामान को लेने के लिए झपटते हैं। एएसआई ने नगर निगम को बंदरो की समस्या के लिए पहले पत्र लिखा था कई बार अभियान भी चलाया गया है।
राजकुमार पटेल अधीक्षण पुरातत्वविद् एएसआई
-ताजमहल ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल है। यहां इस समस्या का तो स्थाई निदान निकलना ही चाहिए। पता नहीं नगर निगम या अन्य विभाग मिलकर इस पर काम करना चाहिए। लेकिन काम होता नहीं है।
गरिमा पर्यटक
-ताज महल पर कुत्ते और बंदरों की समस्या कोई नई समस्या नहीं है मंकी रेस्क्यू सेंटर भी यहां प्रस्तावित है पता नहीं क्यों फिर भी ताज से ये समस्या खत्म क्यों नहीं होती है।
डॉ हरिप्रकाश पर्यटक
15 मंकी रिपेलर लगाई जाएंगी ताज के आस पास
3 करोड़ खर्च हुए हैं पिछले 10 साल में
90 हजार बंदर है अनुमानित शहर में
5 एकड़ में प्रस्तावित है मंकी रेस्क्यू सेंटर