शहर में नालों की सफाई बड़ी समस्या
शहर में हर बार मानसून से पहले नालों की सफाई के लिए नगर निगम की ओर से कैंपेन चलाया जाता है। जलभराव से निपटने के लिए मानसून से पहले नालों की सफाई की जाती है। जिसके तहत तीस जून तक तल्लीझाड़ सफाई का दावा किया जाता है। इस बड़े कैंपेन के बाद भी नालों में सिल्ट बनी रहती है। शहर के बड़े नालों में गंदगी का अंबार है, इतना ही नहीं जगह जगह गंदगी ढेर लगे हैं।
बड़े नालों में बैक मार रहा पानी
शहर की पुरानी कॉलोनियों से गुजरने वाले नालों की हालत सबसे अधिक खराब रहती है। इनमें सबसे खराब हालत शहर के बड़े नाले, जिसमें नाला पीला खार, नाला मंटोला, नाला काजी पाड़ा, नालाकंस खार, नाला नालबंद, नाला सुदंरपाड़ा, नाला सिंधी कॉलोनी अशोक नगर, नाला गोकुलपुरा, नाला गढी भदौरिया, नाला शिवाजी नगर, नाला नगला धनी, नहर उर्खरा, नाला खतैना, नाला अब्बुलाला दरगाह, नाला ग्यासपुरा, नाला ग्यासपुरा, नाला सिटी स्टेशन, नाला खालवाल और नाला तेलीपाड़ा। सभी प्रमुख नालों में गंदगी के कारण मानसून के दौरान पानी नालों में जाने के बजाए उल्टा वापस सड़कों से लेकर गलियों, नालियों और मार्केट में भर जाता है।
क्षमता से ज्यादा ओवरफ्लो नाले
सूत्रों की मानें तो शहर में 378.50 मिलियन लीटर सीवेज प्रतिदिन उत्पन्न होता है। इसमें से 366.91 एमएलडी नगर निगम क्षेत्र और 11.59 एमएलडी छावनी परिषद क्षेत्र में पैदा होता है। इनके निस्तारण के लिए वर्तमान में 179 एमएलडी क्षमता के 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं लेकिन सरकारी सिस्टम की उदासीनता की वजह से सीवर का पानी भी नालों में बह रहा है। जिससे नाले अपनी क्षमता से ज्यादा ओवरफ्लो रहते हैं और नालों में सीवरेज की गंदगी भी भरी रहती है।
फैक्ट-
नगर निगम में वार्ड
100
शहर में बड़े नालों की संख्या
21
शहर में छोटे नालों की संख्या
310
-नालों की सफाई को हर दिन निकाली सिल्ट
50 टन
शहर में सफाई नहीं होने पर की शिकायत
20
नालों की सफाई के लिए निगम के पास जेसीबी मशीनें
16
शहर में सीधे नालों से जुड़ी नालियां
352
।
तेज बरसात के बाद पानी निकलने में कुछ समय लगता है, जलभराव तब होता है। जब 12 घंटे बाद भी पानी ना कम हो। नालों की सफाई लगातार जारी है।
वेद प्रकाश, पार्षद बाईंपुर
इलाके में रोजाना जेसीबी लगाकर सिल्ट निकाली जा रही है। सिल्ट को साफ भी कराया जा रहा है।
नालियों को भी साफ कराया गया है। लोगों से अपील है कि घरों से निकलने वाला कचरा वाहन में ही डालें।
भरत शर्मा, पार्षद, दयालबाग
नालों की सफाई का काम युद्वस्तर पर पूरा किया गया है। मानसून आने से पहले ही नालों की तल्लीझाड़ सफाई कराई गई है। सभी प्रमुख नाले साफ हो चुके हैं। इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जाती है।
हेमलता दिवाकर कुशवाह, मेयर
.ये हैं शहर अंडरग्राउंड नाले और लंबाई
-श्रीराम नर्सिंग होम से सोलिटेयर होटल, लंबाई 700 मीटर.
-पंछी पेठा से देहली गेट रवि अस्पताल तक, लंबाई 395 मीटर.
-टीपी नगर आईएसबीटी से वन चेतना तक.
-राजाराम की बगिया से गुरूगोविन्द की पुलिया तक, लंबाई 450 मीटर.
-सेवला जाट मन्दिर मेरी गोल्ड अस्पताल से सराय मलूकचंद की पुलिया तक, लंबाई 805 मीटर.
-सेक्सरिया नाला, लंबाई ढाई सौ मीटर.
-बसई खुर्द से बिल्लोचपुरा कब्रिस्तान, लंबाई सात सौ मीटर.
-नाला सुभाष बाजार, लंबाई दो सौ मीटर.
-अर्जुन नगर गेट से नगला पोहपा पुलिया तक, लंबाई 1400 मीटर.
-बाबड़ी बस्ती मोड से मुगल पुलिया तक तथा जीएमबी से ताज व्यू तिराहा फतेहाबाद रेाड तक लंबाई छह सौ मीटर.
-सूरसदन से पालीवाल पार्क तक, लंबाई पांच सौ मीटर.