डेंगू से लड़ाई लड़ते हैं ये विभाग

-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
-नगर विकास विभाग
-पंचायती राज विभाग ग्राम विकास विभाग
-पशुपालन विभाग
-शिक्षा विभाग
-चिकित्सा शिक्षा विभाग
-दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग
-बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग
-कृषि एवं सिंचाई विभाग
-सूचना विभाग
-उद्यान विभाग
-खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग

इन विभागों का है मुख्य काम

-वैसे तो हर साल मानसून के सीजन में डेंगू से लड़ाई के लिए ये सारे विभाग मिल कर लड़ाई लड़ते हैं। लेकिन इन विभागों में से कुछ की जिमेदारी अधिक है। कुछ विभाग इसके लिए काम करते हैं तो कुछ विभाग सिर्फ खानापूर्ति करते हैं। और डेंगू से लड़ाई को भगवान भरोसे छोड़ देते हैं।
स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग और नगर पंचायत के अलावा नगर निगम और चिकित्सा शिक्षा विभाग का काम मुख्य रूप से डेंगू के लिए लड़ाई लडऩा है।

ये हैं शहर में डेंगू के आंकड़े

2024- 1
2023- 173
2022- 33
2021- 1161
2020-43
2019-37
2018- 21
2017-32
2016- 47

बजट है, विभाग है, कमी यहां है

डेंगू से लड़ाई के लिए हर विभाग के पास बजट आता है, लेकिन इसको सिर्फ दावों में खर्च कर दिया जाता है। धरातल पर कोई काम नहीं होता है। ना ही डेंगू की गंभीरता को समझा जाता है। इसके लिए बाकायदा प्लानिंग होती हैं। मीटिंग होती हैं। कुछ काम करके फोटो भी कराए जाते हैं। फिर इन फोटो के सहारे वाहवाही लूटी जाती है। इन सब का हकीकत से कोई लेना देना नहीं होता है। और डेंगू के नाम पर जिम्मेदारों की जेबें भर जाती हैं।

नगर निगम और फॉगिंग
नगर निगम शहर में हर माह फॉगिंग के लिए लगभग 20 टैंकर डीजल सिर्फ फॉगिंग के लिए खर्च करता है। सीधे शब्दों में कहें तो करीब दो करोड़ 64 लाख रुपए नगर निगम सिर्फ फॉगिंग के डीजल पर खर्च करता है। इसके अलावा मैनपॉवर और केमिकल की खपत अलग से है। इतने सब के बाद भी नगर निगम फॉगिंग मच्छर तक नहीं मार पाता तो फॉगिंग और नगर निगम के दावों में कुछ लोचा नजर आता है।

स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचारी रोग अभियान हर साल चलाया जाता है इस साल भी चलाया गया। मार्च माह की जिला स्वास्थ्य समिति की एक बैठक के आंकड़ों के मुताबिक इस साल विभाग को लगभग 190 करोड़ का बजट इसके लिए मिला था। मार्च तक इस बजट का लगभग 70 प्रतिशत खर्च भी हो गया था। लेकिन अगर मार्च तक ही बजट खर्च हो गया तो फिर अब मानसून के सीजन में अभियान क्या चलाया जाएगा। इसी बैठक में एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए निर्देश दिए गए थे, लेकिन दावे सिर्फ कागजी रह गए।

इस तरह लड़ी लड़ाई

-पोलियो
एक वक्त था। जब पोलियो एक ऐसी गंभीर बीमारी बन गया था कि लोगों के जेहन में इसका डर बैठ गया था। पोलियो काफी तेजी से बच्चों को जकड़ रहा था। तेजी से फैलने वाली इस बीमारी की चपेट में आकर अधिकतर बच्चे विकलांग हो रहे थे। जब भारत में पोलियो का संक्रमण चरम पर था। तब यहां 6.4 लाख पोलियो बूथ बनाए गए। पोलियो उन्मूलन अभियान में करीब 23 लाख लोग काम कर रहे थे। पल्स पोलियो दिवस के एक राउंड में भारत में करीब दो करोड़ वैक्सीन, 63 लाख आइस पैकेट इस्तेमाल होते थे। इस दौरान 19.1 करोड़ घरों में कर्मचारी गए और करीब 17.2 करोड़ बच्चों को पोलियो ड्रॉप दी गई। पोलियो उन्मूलन पहल की शुरुआत 1995 में देश भर में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के साथ हुई। भारत ने पोलियो को हराया भी। सर्विलांस के ज़रिए लोगों को ढूंढ़ा, मामलों की पड़ताल की और टीकाकरण शुरू किया। भारत ने पोलियो से निपटने के लिए वो हर चीज की जिसकी ज़रूरत इस बीमारी से निपटने के लिए थी। और अंत में भारत को पोलियो मुक्त बना दिया गया।

टीवी
डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में टीवी के सबसे ज्यादा मरीज भारत में आते हैं। दुनिया का हर चौथा मरीज भारत से है। पूरी दुनिया ने टीवी को खत्म करने के लिए 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन भारत ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच कर भारत से टीवी को 2025 तक जड़ से मिटाने का टारगेट किया है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत में टीबी से 4.94 लाख मरीजों की मौत हुई थी। जबकि 2022 में ये आंकड़ा कम होकर 3.31 लाख पर आ गया। भारत में इसके लिए अभियान चला कर मरीजों को ट्रैकिंग कर उनका मुफ्त इलाज भी किया जा रहा है।

वर्जन

स्वास्थ्य विभाग की 16 टीमें लगातार अभियान चला कर फील्ड में काम कर रहीं हैं। जो सेंसटिव एरिया को भी ट्रैक कर रही हैं। मेरे द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।
राजेश कुमार गुप्ता जिला मलेरिया अधिकारी

संचारी रोग नियंत्रण के लिए शहर भर में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। और फॉगिंग कराई जा रही है। लोग जहां भी शिकायत करते हैं टीम फॉगिंग के लिए जाती हैं।
डॉ संजीव वर्मा नगर स्वास्थ्य अधिकारी


-2021 में शहर में बेकाबू हुआ था डेंगू
-1 केस आया है शहर में डेंगू का अब तक
-16 टीमें काम कर रही हैं शहर में स्वास्थ्य विभाग की
-4 स्ट्रेन हैं डेंगू के