गूंजने लगी बधाइयां
रामलीला मैदान में श्रीराम संग चारों भाइयों (लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न) की जन्मलीला का मंचन हुआ। कौशल्या नंदन श्रीराम के जन्म लेते ही मनमोहक व मनभावन सजी अवधपुरी में चारों और बधाइयां गूंजने लगीं। राजा दशरथ स्वरूप संतोष शर्मा व रानी कौशल्या स्वरूप ललिता शर्मा ने मेवा, मिठाई, चाकलेट, टाफियों संग खेल-खिलौने लुटाए। श्रद्धालु प्रसाद रूप में उपहार पाने को लालायित हो उठे और जय श्रीराम के जयकारे लगाने लगे। लीला की शुरुआत रामलीला कमेटी अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, संतोष शर्मा व ललिता शर्मा ने स्वरूपों की आरती करके की।
लीला मंचन में कुलगुरु वशिष्ठ ने पुत्र कामना के लिए राजा दशरथ व रानी कौशल्या से यज्ञ कराया। भगवान राम के साथ तीनों भाइयों के जन्म लेते ही दशरथ व रानी कौशल्या की खुशियों से समूची अयोध्या आनंदित हो उठी। रीति-रिवाज संग चारों भाइयों को पालने में झुलाया गया। राजा दशरथ व रानी कौशल्या के स्वरूप संतोष शर्मा व ललिता शर्मा के पुत्र प्रखर शर्मा व पुत्री युक्ति शर्मा के निर्देशन में राजा दशरथ के परिवार ने भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति दी गई। ब्रज के कलाकारों ने भगवान श्रीराम की स्तुति की प्रस्तुति दी। कमेटी पदाधिकारियों ने भी झूमते-नाचते हुए एक-दूसरे को बधाइयां दीं। भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप का सौभाग्य अदविक गुप्ता, लक्ष्मण अभिराज पाराशर, भरत रुद्राक्ष शर्मा, शत्रुघ्न शिवाय जौहरी को मिला। रामलीला कमेटी महामंत्री राजीव अग्रवाल, जगदीश बागला, भगवान दास बंसल, विष्णु दयाल बंसल, ताराचंद, विजय प्रकाश गोयल मौजूद रहे।
रामलीला में आज
रामलीला कमेटी के मीडिया प्रभारी राहुल गौतम ने बताया कि रामलीला महोत्सव में मंगलवार को शाम सात बजे सीता जन्म की सजीव झांकी का मनमोहक चित्रण होगा। राजा जनक और रानी सुनयना स्वरूप के हल चलाने से माता सीता धरा से अवतरित होंगी। विश्वामित्र का राम-लक्ष्मण को मांगना व ताड़का वध की लीला का मंचन किया जाएगा।
मंच पर गिरा बाल स्वरूप
मंच पर जब श्रीराम समेत तीनों भाइयों के जन्म की लीला चल रही थी। तभी लक्ष्मण स्वरूप अभिराज पाराशर अचाकन सोफे पर बैठे-बैठे गिर गए। उनके गिरते ही कमेटी के लोगों ने उन्हें उठाया। गनीमत रही कि उन्हें चोट नहीं लगी।
पहुंच रही है भीड़
रामलीला महोत्सव में इस वर्ष अधिक संख्या में श्रद्धालु लीला का मंचन देखने पहुंच रहे हैं। साथ ही रामलीला कमेटी ने इस वर्ष इसके सीधे प्रसारण की भी व्यवस्था की है, जिसके माध्यम से भी श्रद्धालु घर बैठे लीला का आनंद ले रहे हैं।