आगरा (ब्यूरो) आगरा से गुजरने वाले यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ एक्सप्रेस वे समेत प्रदेश के पांच एक्सप्रेस वे में अब दोपहिया, तिपहिया वाहन और ट्रैक्टर-ट्राली नहीं चलेंगी। बढ़ते हुए हादसों को रोकने के लिए परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण ङ्क्षसह ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बिना परमिट और फिटनेस की बसों व अन्य वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। सभी जीरो प्वाइंट(प्रवेश द्वार) पर वाहनों की जांच की जाएगी।
बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए लिया निर्णय
प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस, लखनऊ एक्सप्रेस, पूर्वांचल एक्सप्रेस, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस हैं। इन सभी एक्सप्रेस वे पर दो पहिया, तिपहिया और ट्रैक्टरों से लगातार घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। वहीं बड़ी संख्या में डग्गेमार बसों का संचालन हो रहा है। डग्गेमार बसों और मानकों के विपरीत लंबी दूरी की बसों के चालकों को कई बार नींद आ गई। इससे कई दुर्घटनाएं हुईं। इसमें कई लोगों की मृत्यु हो गई। कुछ यही हाल दोपहिया और तीन पहिया वाहनों का भी है। एक्सप्रेस वे पर दो और तिपहिया वाहनों के संचालन पर रोक है। परिवहन आयुक्त ने माना है कि हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। परिवहन आयुक्त ने कहा है कि वर्ष 2023 के सापेक्ष वर्ष 2024 में दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य है लेकिन इसके विपरीत एक्सप्रेस पर दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। इसलिए वाहनों पर रोक लगाया जाना है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएन ङ्क्षसह ने बताया कि आए दिन हो रही दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर यह फैसला लिया गया है। एक्सप्रेसवे पर आने वाली बसों के मानक परखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि लंबाई-चौड़ाई बढ़ाकर निर्धारित क्षमता से अधिक सीट लगाकर संचालित होने वाली बसों को रोका जाएगा। संभागीय परिवहन अधिकारी ऐसी बसों पर कार्रवाई करेंगे।
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यह हैं दिशा-निर्देश
- डग्गेमार बसों का संचालन किसी भी रूप में एक्सप्रेस वे पर नहीं होने दिया जाए।
- सामान्य और स्लीपर बसें जो एआइएस 119 व 52 मानकों के विपरीत हैं। उन सभी बसों के लिए बाडी कोड निर्धारित है। अधिक सीट होने, लंबाई और चौड़ाई मानकों के विपरीत होने पर कार्रवाई की जाए।