आबादी एरिया की वजह से नहीं बन सके
नगर निगम की ओर से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के वाहनों सहित दूसरे वाहनों द्वारा लेकर जाने वाले कूड़े के लिए कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाने थे। दूर डंपिंग जोन में जाने पर वाहन दूसरी बार कलेक्शन के लिए नहीं लौट पाता था, जिसके लिए दयालबाग, दहतोरा, चमरौली, तोरा, ताजनगरी और नगला छउआ में ट्रांसफर स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया। ताजनगरी और नगला छउआ में ही स्टेशन तैयार हो पा रहे हैं, जबकि अन्य आबादी क्षेत्र में आने के कारण नहीं बन सके हैं।
नहीं पूरा हो सका कार्य
वहीं बन रहे दोनों स्टेशन भी लास्ट डेट निकल जाने के बाद भी तैयार नहीं हो सके हैं। इनमें मशीनें भी आ गई हैं, लेकिन कार्य अभी पूर्ण नहीं हो सका है। इसके पीछे वजह बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाना है। स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी एवं पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने बताया कि कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का कार्य पूर्ण है, लेकिन अभी बिजली का कनेक्शन नहीं हो पाने के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है। इसकी प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही संचालन शुरू हो जाएगा। इससे ताजनगरी और नगला छउआ सहित आसपास के क्षेत्र का कूड़ा ट्रांसफर हो सकेगा।
क्या हैं ट्रांसफर स्टेशन
शहर में नगर निगम की ओर से जगह-जगह ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। इन ट्रांसफर स्टेशन पर हाइड्रोलिक गार्बेज क ॉम्पेक्टर लगा होता हैै। क्षेत्र से कूड़ा कलेक्ट कर व्हीकल यहां पहुंचते हैं। कचरे को मशीन में डाला जाता है। उसे मशीन के जरिए कंप्रेस कर दूसरे बड़े वाहनों से डंपिंग जोन तक पहुंचाया जाता है। वहीं क्षेत्र में से कूड़ा कलेक्ट कर लाया व्हीकल दोबारा कूड़ा कलेक्शन के लिए रवाना हो जाता है। इससे कूड़ा कलेक्शन करने वाले वाहनों के फेरे बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
7 करोड़ रुपए से बन रहे ट्रांसफर स्टेशन
100 से 150 गाडिय़ां पहुंचती हैं एक ट्रांसफर स्टेशन पर
यहां बन रहे
ताजनगरी
नगला छउआ
यहां बनाए जाने हैं प्रस्तावित
तोरा पुलिस चौकी के पास
चमरौली
दयालबाग
दहतोरा
ताजनगरी
नगला छउआ
कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का कार्य पूर्ण है, लेकिन अभी बिजली का कनेक्शन नहीं हो पाने के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है। इसकी प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही संचालन शुरू हो जाएगा। इससे ताजनगरी और नगला छउआ सहित आसपास के क्षेत्र का कूड़ा ट्रांसफर हो सकेगा।
पंकज भूषण, स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी एवं पर्यावरण अभियंता