गुल्लक नहीं अब ट्रेडिंग के जरिए बचा रहे पैसा
- एक जमाना था जब युवा बचत करने के लिए गुल्लक रखते थे। इस गुल्लक में वे अपनी सेविंग डालते और जरूरत पर इसको तोड़कर अपनी जरूरतें पूरी करते थे शहर के युवा अब इस मिथक को तोड़ रहे हैं। अब अधिकांश युवा अपनी कमाई का कुछ हिस्सा एसआईपी और ट्रेडिंग में इन्वेस्ट कर रहे हैं। इससे वे अपनी जरूरतों को भी पूरा कर रहे हैं और अपने खर्चे भी चला रहे हैं। शहर के अधिकांश युवा अब स्मार्ट होते जा रहे हैं और इस बढ़ती महंगाई में ट्रेडिंग और एसआईपी का सहारा ले कर खुद के खर्चे और जरूरत पूरी कर रहे हैं।
ऑनलाइन एप कर रहे हैं ट्रेडिंग में हेल्प
एक दौर में ट्रेडिंग का काम काफी मुश्किल माना जाता था। ट्रेडिंग के लिए आपके पास डीमेट अकाउंट होना अनिवार्य है। कुछ समय पहले शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमेट अकाउंट खुलवाने के लिए अधिकृत शेयर ट्रेडर्स के पास जाना पड़ता था फिर उन्हीं ट्रेडर्स या कहो ब्रोकर के माध्यम से शेयर को खरीद और बेच सकते थे। मोबाइल एप ने इसे आसान कर दिया है ऐसे में शहर के यंगस्टर अब अलग-अलग एप के थ्रू शेयर ट्रेडिंग कर रहे हैं। शहर के युवाओं के बीच जेरोधा, ग्रो जैसे एप तो लोकप्रिय हैं ही इसके अलावा प्राइवेट बैंक के एप पर ऑनलाइन ट्रेडिंग के विकल्प रहते हैं। जहां शहर के युवा ऑनलाइन ट्रेडिंग कर रहे हैं।
ऑनलाइन एक्सपर्ट से ले रहे सलाह
- शहर के यंगस्टर कोई भी निवेश करने से पहले अलग वेबसाईट पर जा कर एक्सपर्ट से सलाह लेते हैं इसके अलावा लॉस और प्रॉफिट को देख कर ही किसी भी मार्केट में निवेश कर रहे हैं जहां भी थोड़ा सा डाउट होता है तो वहां एक्सपर्ट्स से एडवाइज खुद ही मोबाइल एप के जरिए शेयर ट्रेडिंग में इंवेस्ट करते हैं।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में अधिक कर रहे
गो मोर सिक्योरिटी में डायरेक्टर गरिमा बताती हैं, उनकी कंपनी के पास भी ट्रेडिंग के क्लाइंट हैं और इनमें अधिकांश युवा हैं हालांकि इंट्रा डे ट्रेडिंग भी युवा कर रहे हैं लेकिन अधिकतर यूथ लांग टर्म निवेश कर रहे हैं यूथ अब एसआईपी और म्यूचल फंड में हर माह निवेश भी कर रहे हैं हर दिन आने वाले क्लाइंट में 70 से 80 फीसदी युवा उनके यहां ट्रेडिंग की जानकारी करते हैं।
इस तरह करते ट्रेडिंग से सुरक्षित कर रहे भविष्य
- ऑनलाइन ट्रेडिंग एप पर डीमेट अकाउंट में यूपीआई से पैसा एड करते हैं उसके बाद इंट्रा डे ट्रेडिंग में कम राशि निवेश करते हैं इसके लिए सुबह मार्केट खुलने से लेकर बंद होने के बीच ट्रेडिंग कर एक दिन की एक्स्ट्रा कमाई कर लेते हैं फिर महीने के अंत में सैलरी से एसआईपी में निवेश करते हैं अधिकतर निवेश लांग टाइम होते हैं जो भविष्य को देखते हुए करते हैं इस तरह युवा कम सैलरी में ही स्मार्ट बन कर अपना भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं।
एसआईपी में बैंक की अपेक्षा अधिक रिटर्न मिलता है इसलिए युवा इस तरफ आकर्षित हो रहे हैं हम लोगों के पास आने वाले क्लांइट में युवाओं की संख्या कोरोना काल के बाद अधिक तेजी से बढ़ी है
देवेंद्र कौशिक, मैनेजर, बजाज ब्रोकिंग
कम सैलरी में खर्चे मैनेज करना मुश्किल होता है हम लोग एसआईपी में निवेश करके थोड़ा बहुत भविष्य भी देखते हैं। क्या पता कल क्या हो जाए। कम से कम कल के लिए कुछ तो हाथ में रहे।
जूही गुप्ता
म्यूचल फंड में निवेश करके हम लोग सेविंग कर लेते हैं ट्रेडिंग से थोड़ा बहुत पैसा आ जाता है जिससे खर्चे मैनेज होते हैं
अंशुल शर्मा
300 से 400 रुपए इंट्रा डे ट्रेडिंग से हर रोज मिल जाते हैं इसके अलावा कुछ पैसा एसआईपी में भी इन्वेस्ट करता हूं
विपिन