दर्शन को लगी लंबी कतार, करना पड़ा घंटों इंतजार

मंदिर पर भीड की स्थिति यह थी कि हाईवे स्थित द्वार से मंदिर तक करीब दो किमी दूरी तक मानव श्रंखला नजर आ रही थी। मंदिर पर भी गर्भगृह तक पहुंचने के लिए लंबी-लंबी कतारें थीं, जिनमें लोगों को काफी प्रतीक्षा करनी पड़ी। मंदिर पर कांवड़ अर्पित करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई थी। उन्हें विशेष द्वार से गर्भगृह में प्रवेश दिया दिया। सबसे पहली कांवड़ रविवार रात्रि तीन बजे अर्पित की गई। इसके बाद सोमवार दोपहर तक अनुमानित 1500 से अधिक कांवड़ का गंगाजल भगवान शिव पर अर्पित किया गया। इन कांवड़ को अधिकांश क्षेत्रीय निवासी और आसपास के गांवों से युवा लेकर आए थे। इनके साथ ही हजारों श्रद्धालुओं ने भी मंदिर में पहुंचकर भगवान शिव को जल और दुग्ध अर्पित किया। यह क्रम सुबह से देर रात्रि तक चलता रहा। आरती व शृंगार के समय जलाभिषेक पर विराम लगा। महिलाओं व पुरुषों को गर्भगृह में अलग-अलग द्वार से प्रवेश दिया गया। पुलिस कर्मियों के साथ मंदिर के स्वयंसेवक भी व्यवस्थाएं बनाने में लगे रहे।

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झूलों पर रही बच्चों और महिलाओं की भीड़

कैलाश मंदिर के मेले में सिर्फ शहर से ही नहीं, बड़ी संध्या में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचे। मेले में सुबह से रात्रि तक रौनक रही। सर्वाधिक भीड़ झूलों पर लगी, जिन्हें झूलने के लिए महिलाएं और बच्चे सर्वाधिक उत्साहित थे। मार्ग में लगी विभिन्न दुकानों पर खिलौनों व अन्य सामान की खूब खरीदारी भी की गई। अंदर्से की गोली, नान खटाई, फेनी के साथ चाट-पकौड़ी की दुकानों पर भी भीड़ रही.------------------

मार्ग में जगह-जगह लगे भंडारे

श्रद्धालुओं की सेवा के लिए सिकंदरा स्थित गुरुद्वारा गुरु का ताल से लेकर मंदिर तक जगह-जगह भंडारे लगाए गए, जिनमें श्रद्धालुओं के पूड़ी-सब्जी, छोले-चावल, राजमा-चावल, कड़ी-चावल, पोहा, इडली-सांभर आदि पकवान परोसे गए। भंडारे सुबह नौ बजे से ही प्रारंभ हो गए थे, जो देर शाम तक चलते रहे। इसके साथ भंडारों पर शीतल जल के साथ ठंडाई, शर्बत, चाय, काफी व अन्य शीतल पेय का वितरण किया गया।

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बाक्स- शहर के अन्य शिवालयों पर रही भीड़

श्रावण मास के तृतीय सोमवार पर कैलाश मंदिर पर ही नहीं, राजेश्वर महादेव, बल्केश्वर महादेव, पृथ्वीनाथ महादेव, रावली महादेव और श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर पर भी सुबह से रात्रि तक श्रद्धा उमड़ती रही। श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर में तो श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर से आगे तक की लाइन लग गई, जिस कारण पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं को थोड़ी-थोड़ी देर रोककर भेजा और व्यवस्था बनाई। मंदिर के अंदर भी भीड़ रही। सुबह जहां जलाभिषेक करने के श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे, शाम को शिवालयों पर हुई महाआरती और शयन आरती में भी उन्होंने परिवार सहित शामिल होकर भगवान का आशीर्वाद लिया।