आगरा( ब्यूरो) शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की शीतल किरणों ने ताजमहल के संगमरमरी हुस्न को स्पर्श किया तो वह दमक उठा। 16वीं शताब्दी में शाहजहां द्वारा बनवाई गई अनमोल कृति की पच्चीकारी में जड़े कीमती पत्थर (सेमी-प्रीसियस व प्रीसियस स्टोन) चंद्रमा की किरणों में चमके तो कद्रदान इस नजारे को देख वाह-वाह कर उठे। दिलकश नजारे को उन्होंने अपने स्मृति पटल में हमेशा के लिए संजो लिया। हालांकि, ताजमहल में सुरक्षा कारणों से मोबाइल पर लागू पाबंदी की वजह से इन खूबसूरत लम्हों की वह सेल्फी नहीं ले सके
शरद पूर्णिमा पर चांदनी रात में ताजमहल को निहारने का सपना पर्यटक वर्षभर देखते हैं। एक सप्ताह पूर्व ऑनलाइन टिकट बुङ्क्षकग शुरू होते ही पर्यटकों ने ताज रात्रि दर्शन की सभी 400 टिकटें बुक करा ली थीं। टिकट बुक कराने वाले पर्यटकों को सुबह से ही इंतजार रात आठ बजने का था। रात आठ से 12 बजे तक आधा-आधा घंटे के आठ स्लाट में पर्यटकों को ताजमहल में प्रवेश मिला। रायल गेट स्थित वीडियो प्लेटफार्म से पर्यटकों ने चांदनी रात में ताजमहल निहारा। चंद्रमा की किरणों में नहाए ताजमहल के संगमरमरी हुस्न को दमकते देखकर वह वाह-वाह कर उठे। उनके चेहरों पर इसकी खुशी साफ झलक रही थी। उधर, मेहताब बाग स्थित ताज व्यू प्वाइंट पर भी सूर्यास्त के बाद से ही रात्रि दर्शन को पर्यटकों का पहुंचना शुरू हो गया था। यमुना पार चंद्रमा की किरणों में दमकते ताजमहल के साथ पर्यटकों ने सेल्फी और फोटो भी लीं। दशहरा घाट और ताजगंज स्थित होटलों और घरों की छतों, रूफटाप रेस्टोरेंट से भी पर्यटकों ने रात्रि दर्शन किया।
ताजमहल आज बंद, खुलेगा व्यू प्वाइंट
ताज रात्रि दर्शन 19 अक्टूबर तक चलेगा। ताजमहल में शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी रहती है, जिससे रात में स्मारक नहीं खुलेगा। ताज बंद रहने पर निराश न हों। ताज व्यू प्वाइंट से पर्यटक शुक्रवार को भी रात्रि दर्शन कर सकेंगे।
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ताजमहल की सुरक्षा में बढ़ेगा तकनीकी घेरा
-पांच बैरियरों पर अंडर व्हीकल स्कैङ्क्षनग सिस्टम का प्रस्ताव
-वाहनों को रोककर जांच करने की नहीं रहेगी आवश्यकता
आगरा: ताजमहल, जहां अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात है। वहीं इसकी सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती है। इस संवेदनशील स्मारक की सुरक्षा और मजबूत की जा रही है। नए तकनीकी घेरे से आतंकी हमले जैसी चुनौतियों को विफल किया जा सकेगा। साथ ही पर्यटकों के लिए मुश्किल नहीं बल्कि सहूलियत बढ़ेगी। स्थानीय नागरिक भी सहज महसूस करेंगे। ताज सुरक्षा पुलिस ने स्मारक के रास्तों पर स्थित पांच बैरियरों पर अंडर व्हीकल स्कैङ्क्षनग सिस्टम (यूवीएसएस) लगाने का प्रस्ताव तैयार कर सुरक्षा मुख्यालय को भेजा है। इसके लगने से सुरक्षाकर्मियों को वाहनों को रोककर जांचने की आवश्यकता नहीं रहेगी। वाहन में कोई संदिग्ध वस्तु होने पर यूवीएसएस से तुरंत सुरक्षा केबिन में लगे मानीटर पर तस्वीर नजर आ जाएगी और उसे पकड़ा जा सकेगा।
ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था रेड और यलो जोन में विभाजित है। रेड जोन (स्मारक परिसर) में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और यलो जोन (500 मीटर की परिधि) में पुलिस-पीएसी सुरक्षा व्यवस्था संभालती है। ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में बाहरी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। इस परिधि में रहने वाले स्थानीय निवासियों के लिए वाहन पास की व्यवस्था है। ताजमहल के रास्तों पर पुलिस ने इनकी चेङ्क्षकग को बैरियर बना रखे हैं। ताज सुरक्षा पुलिस ने अमरूद का टीला, नीम तिराहा, पाठक प्रेस, ताज खेमा और नगला पैमा बैरियर पर यूवीएसएस लगाने का प्रस्ताव तैयार कर सुरक्षा मुख्यालय को भेजा है। एक यूवीएसएस की लागत करीब 20-25 लाख रुपए आएगी। इससे ताजमहल के प्रतिबंधित दायरे में आने वाले वाहनों की चेङ्क्षकग आसानी से हो सकेगी।
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यूवीएसएस के फायदे
-यह सभी वाहनों के ²श्य निरीक्षण के लिए उपयुक्त है.-इससे बैरियर क्रास करने वाले वाहनों का डाटा बेस भी तैयार हो सकेगा.-वाहनों के नीचे छिपे खतरे, तस्करी, संदिग्ध वस्तुओं की पहचान में मदद मिलती है.-यह सरकार, सैन्य, कारपोरेट और परिवहन सुविधाओं के लिए आदर्श समाधान है।
ऐसे करता है काम
-जब कोई वाहन इसके क्षेत्र में आता है तो कैमरे वाहन के नीचे की तस्वीरें लेकर सुरक्षा केबिन में भेज देते हैं.-सुरक्षा केबिन में तस्वीरें एक मानीटर पर दिखाई देती हैं। इसके बाद वाहन की चेङ्क्षकग कर संदिग्ध व प्रतिबंधित वस्तु को आसानी से ढूंढ़ सकते हैं.-कैमरे से ली गईं तस्वीरों को बाद में भी देखा जा सकता है। अगर किसी वाहन पर संदिग्ध वस्तु नजर आती है तो उसे कई बार देख सकते हैं।
ताजमहल पर स्मार्ट पोल और सीसीटीवी कैमरों की सहायता से लपकों पर कार्रवाई की जा रही है। बैरियर पर यूवीएसएस लगाने का प्रस्ताव तैयार कर सुरक्षा मुख्यालय को भेजा गया है। यूवीएसएस लगने के बाद वाहनों की जांच में आसानी होगी।
-सैयद अरीब अहमद, एसीपी ताज सुरक्षा