आगरा (ब्यूरो)। लोगों की गाढ़ी कमाई बटोरने वाले साइबर क्रिमिनल्स पैसा मंगवाने के लिए मजदूरों के बैंक खाते का इस्तेमाल कर रहे है। बेरोजगार लोगों को घर बैठे जॉब का लालच दिया जा रहा है, साइबर ठग वेरीफिकेशन के नाम पर मजदूरों से दस्तावेज हासिल कर रहे हैं। एसटीएफ की जांच में इसका खुलासा किया गया है। साइबर ठग गांव-गांव घूमकर जरुरतमंदों को अपना शिकार बनाते थे।
ऑटो और बसों देते विज्ञापन
शनिवार को एसटीएफ की टीम ने भरतपुर और अछनेरा में छापामार कार्रवाई की। साइबर अपराधी शाहरुख को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। शाहरुख ने पूछताछ मेें बताया कि वो लोगों की आईडी लेने के लिए ऑटो और बस पर पैंम्फलेट लगाकर विज्ञापन देते थे, जिसमेें घर बैठे पांच से दस हजार का लालच दिया जाता था। झांसे में आए लोगों को रुपए भी दिए जाते थे। लेकिन इन खातों का पूरा एक्सेस साइबर ठगों के पास रहता था।
बाहर से आएगा अकउंट में पैसा
मजदूरों की आईडी के जरिए बैंकों में अकाउंट खुलवाया जाता था, इस खाते की किट आईडी होल्डर के पास न जाकर साइबर क्रिमिनल्स लिया करते थे। मजदूर और उनके परिजनों को बाहर से पैसा आने का लालच दिया जाता था, इसके लिए उनको एक ट्रांजेक्शन पर पांच हजार रुपया भी दिया जाता था। एसटीएफ प्रभारी यतेन्द्र शर्मा ने बताया कि हरियाणा के मेवात का गैंग साइबर ठगी को अंजाम देने का बाद इन्हीं खातों में रुपए ट्रांसफर करवाता था। वारदात को अंजाम देने के बाद उस आईडी पर लिया गया नंबर बंद कर दिया जाता और खातों से रकम एटीएम कार्ड से निकाली जाती थी।
जरुरतमंदों को दिया जाता था लाचल
गांव-गांव घूमकर मजदूर तबके के लोगों को लालच देते थे। उनसे कहा जाता था कि वह खाता खुलवाएंगे तो 5 से 10 हजार तक मिल जाएंगे। सरकारी योजना का भी लाभ मिलेगा। कमीशन भी देगा। मगर, साइबर ठगी के बाद ही खाते ब्लाक हो जाते थे। पुलिस घटना के बाद बैंक खाता होल्डर से पूछताछ करती तो पता चलता कि खाता खोलने के नाम पर उनको रुपए दिए गए थे, इस तरह साइबर ठग क्राइम करने के बाद पुलिस की पकड से दूर रहते थे।
एक खास वर्ग को कर रहे थे टारगेट
एसटीएफ को व्हाट्सएप की जांच में पता चला कि मेवात का जुनेद्दा नामक युवक सिम मंगाता था। वह व्हाट्सएप कॉल पर भी बातचीत करता था। एक चैट में साइबर ठग ने 5 खातों की मांग की। इस पर शाहरुख ने लिखा था कि पांच खाते हैं। इनकी लिमिट एक -एक लाख रुपए की है। खाते दूसरे धर्म के लोगों के हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जानकारी एसटीएफ मुख्यालय को दी गई है। आशंका है कि साइबर ठग एक ही धर्म के लोगों के नाम पर लिए गए सिम और आईडी का प्रयोग करते हैं, जिससे उनके धर्म के लोग न फंसें।
बैंक को लगेगा फाइन
एसटीएफ इंस्पेक्टर यतेन्द्र शर्मा ने बताया कि ऐसे बैंकों पर फाइन लगवाया जाएगा। जो इस तरह की आईडी पर अकांउट ओपन करते हैं, ठगी के एक ट्रांजेक्शन के बाद उस खातों को बंद कर दिया जाता था। शाहरुख से बरामद 14 एटीएम अलग-अलग बैंक के थे। उन सभी बैंकों की डिटेल लेली है।
अभी हो सकते हैं बड़े खुलासे
एसटीएफ को शक है कि इस मामले मेें और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने शाहरुख से पूछताछ कर इस गैंग के बाकी सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। अभी ऐसे और युवा पुलिस की जांच में शामिल आए हैं जो लोगों से उनकी आईडी लेकर यूज करते हैं। इसके एवज में रुपयों का लालच दिया जाता है। भरतपुर में इस मामले को लेकर बड़ी लीड मिल सकती है।
साइबर ठगों को पकडऩे के लिए भरतपुर में संपर्क किया गया है, यहां बडृे पैमाने पर साइबर ठग एक्टिव रहते हैं। ऐसे बैंक अकाउंट को ब्लॉक करने का कार्य किया जा रहा है, जो फर्जी आईडी से खोले गए हैं। इसके साथ ही उन बैंकों पर फाइन भी लगवाया जाएगा।
राकेश कुमार, एडिशनल एसपी, एसटीएफ
पकड़े गए आरोपी शाहरुख के साथी तेजवीर की तलाश तेज कर दी है। शनिवार को मथुरा में दबिश दी गई। लेकिन वो फरार हो गया। घर बैठे रुपए कमाने का लालच देकर जरुरतमंदों की तलाश करते थे।
यतेन्द्र शर्मा, एसटीएफ इंस्पेक्टर