आगरा (ब्यूरो)। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की शीतल किरणें जब ताजमहल की पच्चीकारी में जड़े कीमती पत्थरों पर गिरेंगी तो वे चमक उठेंगे। चमकी के कद्रदान इस नजारे के लिए वर्ष भर इंतजार करते हैं। शरद पूर्णिमा पर 15 से 19 अक्टूबर तक इस बार चार दिन ही ताज रात्रि दर्शन होगा। 18 अक्टूबर को शुक्रवार होने से ताजमहल बंद रहेगा और रात्रि दर्शन नहीं होगा।


वर्ष 1984 से पूर्व तक शरद पूर्णिमा पर ताजमहल रात भर खुलता था। उसमें मेले जैसा नजारा रहता था। मुख्य मकबरे पर पर्यटकों के लिए रेङ्क्षलग हटाकर लकड़ी के स्लीपर से रैंप बनाया जाता था। सीढिय़ों से पर्यटक ऊपर जाते और रैंप से नीचे उतरा करते थे। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान बताते हैं, उस समय ताजगंज, यमुना किनारा रोड और एमजी रोड के होटलों में कमरे कम पडऩे पर टैंट लगाकर पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था कराई जाती थी। रात में पेट्रोमैक्स लगाकर रोशनी का इंतजाम किया जाता। पुलिस की अस्थायी चौकी बनाई जाती थी। इसमें वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहते थे। सुरक्षा कारणों से वर्ष 1984 से 2004 तक ताजमहल रात्रि दर्शन बंद रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नवंबर, 2004 से ताजमहल का रात्रि दर्शन दोबारा शुरू हुआ, लेकिन पाबंदियां लग गईं। माह में पूर्णिमा पर पांच दिन (पूर्णिमा से दो दिन पूर्व और दो दिन बाद तक) रात्रि दर्शन होता है।

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शरद पूर्णिमा 17 अक्टूबर को है। इस बार ताज रात्रि दर्शन के मध्य में शुक्रवार होने से चार दिन ही रात में ताजमहल खुलेगा।

प्रस वाजपेयी, वरिष्ठ संरक्षण सहायक, ताजमहल
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केवल ऑनलाइन बुक होती है टिकट
वर्तमान में एक दिन में अधिकतम 400 पर्यटक ताजमहल रात्रि दर्शन कर सकते हैं। 50-50 पर्यटकों के बैच को रात आठ से 12 बजे तक आधा-आधा घंटे के स्लाट में मॉन्यूमेंट में प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए एएसआइ की वेबसाइट से आनलाइन टिकट एक दिन पूर्व तक बुक की जा सकती हैं। विदेशी पर्यटक का टिकट 750 रुपए, भारतीय व्यस्क पर्यटकों का टिकट 510 रुपए और बच्चों का टिकट 500 रुपए का है। मेहताब बाग स्थित ताज व्यू प्वाइंट से भी ताज रात्रि दर्शन किया जा सकता है।