आगरा (ब्यूरो)। गांव गुड़ा में खेत में हत्यारोपी आधा घंटे तक खूनी खेल खेलते रहे। रघुवीर और उनके भाई सत्यपाल समेत अन्य परिजन जान बचाने की गुहार लगा भागने का प्रयास भी करते रहे थे। आरोप है कि पुलिस घटनास्थल पर एक घंटे बाद पहुंची। तब तक हत्यारे घरों पर ताला लगा परिवार समेत भाग चुके थे। परिजन का आरोप है कि पुलिस यदि समय पर पहुंच जाती तो हत्यारोपितों को घेराबंदी करके पकड़ा जा सकता था। पुलिस का कहना है कि सूचना मिलने के 15 मिनट बाद मौके पर पहुंच गई थी।

सात लोग नामजद
रघुवीर के बेटे अनिल कुमार ङ्क्षसह ने दोहरे हत्याकांड में सात लोगों को नामजद किया है। इसमें बेताल ङ्क्षसह और उसके तीन बेटे राहुल, सत्य प्रकाश, सतेंद्र, बेताल की पत्नी किताबश्री, भतीजे कृष्णा और मित्र थान ङ्क्षसह को आरोपी बनाया है। बेटे अनिल कुमार ने बताया कि जिस समय खेत पर परिवार के लोगों पर हमला बोला गया। आसपास अन्य ग्रामीण भी काम कर रहे थे। वह तमाशा देखते रहे। बेताल ङ्क्षसह और उसके लोग करीब आधा घंटे तक खूनी खेल खेलते रहे। हाथों में कुल्हाड़ी और फावड़े लेकर पिता रघुवीर, चाचा सत्यपाल, मां सरोज देवी और भाई देवानंद पर हमले करते रहे थे। बेटे का आरोप है कि 112 नंबर पर सूचना देने के एक घंटे बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी। इससे हत्यारोपियों को परिवार समेत भागने का मौका मिल गया। एसीपी एत्मादपुर पीयूषकांत राय ने बताया पुलिस सूचना मिलने के 15 मिनट बाद पहुंच गई थी। दोनों पक्ष के बीच पूर्व में भी कई बार विवाद हो चुका है। पुलिस पूर्व में उन्हें शांति भंग में पाबंद कर चुकी है। परिजन ने बताया बेताल ङ्क्षसह के पिता राम ङ्क्षसह और रघुवीर के पिता होतीलाल ने 72 बीघा खेत खरीदा था। इसका अभी बंटवारा नहीं हुआ है। दोनों परिवार मिलकर जोतते हैं। रघुवीर को बेताल ङ्क्षसह के खेत से होकर जाना पड़ता था। इसे लेकर वह विरोध करता था। मंगलवार को भी उसने रोका तो रघुवीर ने बड़े होने के नाते उसे समझाने का प्रयास किया था।


गांव में पहले भी हो चुकी हैं भूमि विवाद में हत्या
गांव पुरा लोधी में भूमि के विवाद को लेकर हुई हत्या की यह पहली घटना नही है। ग्रामीणों ने बताया की वर्ष 1986 मे महिला लच्छो देवी की काट कर हत्या कर दी थी। वहीं, वर्ष 1989 में गांव के ही ओमप्रकाश की भी जमीन के विवाद में हत्या कर दी गई थी।