आगरा (ब्यूरो)। गुरुग्राम से डिजिटल अरेस्ट गिरोह चला रहे शातिरों का बैंक अकाउंट महाराष्ट्र का है। यह खाता वहां जिला गोङ्क्षदया के महेश ङ्क्षशदे के नाम है। इस गिरोह ने इस वर्ष एक ही दिन में आगरा के रिटायर्ड मुख्य टिकिट अधीक्षक समेत विभिन्न शहरों के 10 लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर 2.70 करोड़ रुपए वसूले थे। गिरोह का सरगना सुहेल इसके बदले महेश ङ्क्षशदे को 10 प्रतिशत कमीशन देता है। पुलिस को सुहेल और महेश समेत अन्य आरोपियों की तलाश है।
बेटिंग एप से की ठगी
फतेहाबाद रोड स्थित राज अपार्टमेंट में रहने वाले रेलवे के रिटायर्ड मुख्य टिकिट निरीक्षक नईम मिर्जा से 13 अगस्त को साइबर ठगी हुई। गिरोह का सरगना करीमगंज असम का मोहम्मद अकरम सुहेल चेन्नई के एसआरएम विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बीटेक है। कोलकाता में एक सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़कर तीन वर्ष पहले दिल्ली आया। साइबर थाने में उसने बताया कि दो वर्ष पहले उसकी मुलाकात साकेत, दिल्ली के विवेक से हुई। विवेक ने उसकी मुलाकात भीलवाड़ा के रफीक राजा से कराई। सब मिलकर बेङ्क्षटग एप से ठगी करने लगे।
नया तरीका ढूंढ़ा
बेङ्क्षटग एप से ठगी का तरीका पुराना होने पर डिजिटल अरेस्ट कर वसूली का काम शुरू किया। इसके लिए उन्हें सिम और बैंक खातों की जरूरत थी। राजा रफीक ने इसके लिए गोङ्क्षदया महाराष्ट्र के महेश ङ्क्षशदे का नाम सुझाया। महेश ठगी की रकम अपने नाम से डलवाने को राजी हो गया। इसके लिए उसे 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाना तय हुआ। महेश ङ्क्षशदे ने जुलाई में गोंदिया में अपने नाम से खाता खोला था। गिरोह द्वारा 13 अगस्त को एक साथ 10 लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके 2.70 करोड़ रुपए वसूले। सारी रकम महेश ङ्क्षशदे के खाते में ट्रांसफर की गई। इसे बाद में दिल्ली एनसीआर के तीन अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया गिरोह में शामिल महेश ङ्क्षशदे, गौरव और विवेक की तलाश जारी है।