गर्भवात की दवाएं बांग्लादेश में सप्लाई
एटी करेप्शन आगरा की यूनिट ने वर्ष नवंबर 2023 में बिचपुरी स्थित दवा की फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की थी। इस मामले में विजय गोयल को अरेस्ट किया गया था। पूछताछ में विजय गोयल ने बताया कि वो नकली दवा की रीपैकिंग कर देश के कई राज्यों में सप्लाई करता है, बांग्लादेश और नेपाल तक में इसकी सप्लाई थी, फैक्ट्री में पांच करोड़ रुपए से अधिक दवाएं जब्त की गई। जिसमें नशे की दवाओं के साथ गर्भपात की दवाएं भी शामिल हैं।


10 साल में करोड़ों रुपए की दवाएं जब्त
शहर में नकली दवाओं के नेक्सस का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है। कि यहां पिछले 10 सालों में 250 करोड़ से अधिक की नकली दवाइयां जब्त की गईं हैं। करीब 150 से अधिक दवा माफिया पर एक्शन भी हो चुका है। 70 से अधिक ड्रग लाइसेंस निरस्त हो चुके हैं। फिर भी दवाइयों का खेल बंद नहीं हो सका। इतनी कार्रवाई के बावजूद इसके यहां दवा माफिया के हौसले बुलंद हैं और शहर में नकली दवाओं का खेल बदस्तूर जारी है।

हवाला में दवा माफिया का कनेक्शन
पिछले साल जनवरी में यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये स्काइप के जरिए विदेशों में ग्राहकों की तलाश करते थे। ग्राहक मिल जाने पर ये दवाएं भेजने के बाद पैसा बिटकॉइन द्वारा हवाला के जरिए से लेते थे। ये गैंग लखनऊ के कैंट इलाके से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी करता था। इनका कनेक्शन हवाला तक था।

इसलिए हब बना हुआ है आगरा
आगरा में मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल है। यहां बड़ी संख्या में ऐसे मरीज आते हैं जिनके लिए नींद की गोलियों की जरूरत पड़ती है। इसी का फायदा उठाते हुए लोग यहां प्रतिबंधित दवाओं की डिमांड बनाते हैं। इसके अलावा आगरा की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है। यहां से राष्ट्रीय राजमार्ग 24, आगरा ग्वालियर हाइवे के अलावा लखनऊ एक्सप्रेस वे, नोएडा एक्सप्रेस वे के अलावा भी देश के कई राज्यों और शहरों तक यहां से कनेक्टविटी बहुत ही आसान है। फुव्वारा मार्केट में दवाओं का बड़ा स्टॉक रहता है। इसके अलावा यमुना पार और शहर के अलग अलग क्षेत्रों में अपने गोदाम बना लिए गए हैं। दिल्ली गुडग़ांव फरीदाबाद से यहां नशीली दवाओं का स्टॉक आता है यहां से उन्हें अलग अलग राज्यों में सप्लाई कर दिया जाता है।

हाईटेक है दवा माफिया का सिंडिकेट
शहर में नशीली दवा का कारोबार सिर्फ ट्रांसपोर्ट तक ही सीमित नहीं बल्कि यहां हाईटेक तरीके से नशीली दवाओं का कारोबार किया जाता है। पिछले साल जुलाई में शहर में नकली दवाओं के काले कारोबार का खुलासा हुआ था। दवा माफिया हाईटेक तरीके से व्हाट्सएप पर ऑर्डर लेते थे फिर पार्सल के माध्यम से नशीली दवा की तस्करी करते थे। देश के आठ राज्य और दो देशों नेपाल और बांग्लादेश तक इनका सिंडिकेट फैला हुआ था। ये लोग हवाला के जरिए बाद पेडलर्स के बताए पते पर कुरियर के माध्यम से नशीली दवा भेजते थे।

कपड़े की दुकान की आड़ में तस्करी
नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली प्रतिबंधित दवा और कई इंजेक्शन शहर में से कई राज्यों में सप्लाई किए जाते हैं। अलग अलग राज्यों की टीमें शहर में कार्यवाई कर चुकी हैं। इस माह ही दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस ने शहर में कार्रवाई करते हुए गैंग के मास्टरमाइंड और सिंधी मार्केट में कपड़े की दुकान चलाने वाले सुमित चावला को गिरफ्तार किया है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस भी कई दिनों से शहर में अलग अलग जगहों पर छापेमारी कर दवा तस्करों की तलाश कर रही है।


विभाग द्वारा अभियान चला कर कार्यवाई की गई थी इसके अलावा अलग अलग राज्यों की टीमें हमारे कॉन्टेक्ट में रहती हैं। जिनके साथ हम संयुक्त कार्रवाई करते हैं
इरफान नासिर, डिप्टी एसपी, एंटी नारकोटिक्स

-शहर में नशीली दवाएं दूर दराज के क्षेत्रों में भी बनाई जा रहीं हैं। वहां तक पुलिस व् अन्य टीमें पहुंच ही नहीं सकती और माफिया आराम से काम करते रहते हैं
रनीश तिवारी

-देहात क्षेत्रों में अलग अलग दुकानदारों पर कई तरफ की कंपनियों की दवाइयां देखी जा सकती हैं। जिनका नाम तक नहीं सुना होता ये सब दवा नकली होती हैं।
शिव पराशर

दवा माफिया के नेक्सस पर प्लान बना कर काम करना होगा। तभी इनके नेटवर्क को खत्म किया जा सकता है। अब इनकी जड़ें बहुत गहरी हो गई हैं
कृष्णकांत पचौरी

-150 से अधिक दवा माफियाओं पर कार्रवाई हुई है पिछले 10 साल में
-75 से अधिक लाइसेंस निरस्त हुए हैं
-250 करोड़ की दवाएं जब्त की गईं हैं 10 साल में
-2021 में हुई थी सबसे बड़ी कार्रवाई