कारोबारियों को राहत मिलनी चाहिए

अखिल भारतीय संयुक्त जूता संघ में देश भर में जूता उद्योग से जुड़े विभिन्न संगठन शामिल हैं। जूता संघ ने जयपुर हाउस स्थित श्रीराम पार्क में महासभा आयोजित की। जूता संघ के आह्वान पर पर संजय प्लेस, हींग की मंडी, मंटोला, दरेसी सहित दूसरे बाजार बंद रखे गए। यहां के जूता ट्रेडर्स महासभा में शामिल हुए। दूसरे राज्यों से भी प्रतिनिधि आए। महासभा में जूता व्यापारियों ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो(बीआइएस) सहित दूसरी बंदिश से जूता उत्पादन पहले से ही प्रभावित है। जीएसटी भी पांच से 12 प्रतिशत कर दी गई है। द आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि 12 प्रतिशत जीएसटी के बाद 1085 पंजीकरण रद कराए गए हैं। घरेलू जूते से मिलने वाला राजस्व भी घटा है। व्यापारियों को राहत मिलनी चाहिए। देशभर की 65 प्रतिशत जूता की आपूर्ति आगरा से होती थी, जो अब 50 प्रतिशत रह गई है। जूता बुनाई संघ की महिलाएं घर-घर चौका बर्तन करने लगी हैं, युवा पलायन कर रहे हैं। नगर निगम द्वारा जूते की कतरन कलेक्शन के चार्ज का भी विरोध जताया।

दिल्ली एसोसिएशन के अंकित अरोड़ा ने कहा कि 12 प्रतिशत जीएसटी से व्यापार और व्यापारी दोनों दब रहे हैं। मदुरई से आए जय कुमार ने जीएसटी कम करने की मांग रखी। जयपुर एसोसिएशन के राजकुमार आसवानी ने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन सड़कों पर होगा। कानपुर एसोसिएशन के गुरमीत ङ्क्षसह व विमल कपूर ने कहा कि सरकार को सहयोग करना चाहिए, तभी व्यापार गति पकड़ेगा। धर्मेन्द्र सोनी का कहना था कि बड़ी कंपनियां आगरा को कच्चे का काम होने की बात कहकर बदनाम करती है। नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीज एंड कामर्स के अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने कहा कि जूता व्यापारियों की लड़ाई में चैंबर साथ खड़ा है। महासभा का संचालन अजय महाजन ने किया। महासभा में सोल एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद शीतलानी, शू कंपानेंट एसोसिएशन के अंबा प्रसाद गर्ग, संजय अरोड़ा, श्याम भोजवानी, ताहिर कुरैशी, नरेंद्र पुरसनानी आदि मौजूद रहे।

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सभी जूता प्रतिष्ठान, फैक्ट्री बंद रहने का दावा

महासभा में 26 राज्यों सहित स्थानीय जूता ट्रेडर्स और उद्यमी सहित पांच हजार कारीगर के सम्मिलित होने का दावा किया गया था। संख्या तो चौथाई भी नहीं हुई। जो पहुंचा उसमें जीएसटी, भारतीय मानक ब्यूरो सहित रोज नए नियम आने के प्रति नाराजगी थी। हाथों में तख्तियां लेकर आक्रोश जता रहे थे। महासभा में दिल्ली, भोपाल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उप्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा, आंध्र प्रदेश शू एसोसिएशन के पदाधिकारियों के भाग लेने का दावा किया गया।

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नुक्कड़ नाटक से दिखाया दर्द

जूता व्यापारियों, कारीगरों के दर्द को दिखाने के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया। इसमें कारीगरों के बच्चों की पढ़ाई, मां की दवाई जैसे मंचन ने सभी को भावुक कर दिया।