बिगड़ रही मरीजों की तबियत
एसएन की ओपीडी आभा एप से पर्चे बनाए जा रहे हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने से सुबह 10 बजे पर्चे के लिए धक्कामुक्की होने लगी। एक घंटे से लाइन में लगे बुखार, बेचैनी और घबराहट की समस्या के साथ आए मरीजों की तबीयत बिगड़ गई। दोपहर एक बजे तक मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। मेडिसिन की ओपीडी में 679 मरीज परामर्श लेने आए। फिजीशियन डॉ। मनीष बंसल ने बताया कि बुखार के साथ ही सांस संबंधी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या अधिक रही। एलर्जी से मरीजों की सांस फूलने लगी है। चर्म रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ। यतेंद्र चाहर ने बताया कि 427 मरीजों को परामर्श दिया। चेहरे पर लाल चकत्ते, दाने, खुजली के साथ ही फंगल संक्रमण से पीडि़त मरीजों की संख्या अधिक रही। अस्थि रोग की ओपीडी में 375 मरीजों को परामर्श दिया गया। एसएन की ओपीडी में 3382 मरीजों को परामर्श दिया गया। जिला अस्पताल की ओपीडी में सुबह 11 बजे पर्चे के लिए मरीज और तीमारदारों में धक्कामुक्की होने लगी, चिकित्सक कक्ष के बाहर मरीजों की लाइन लगी रही। ओपीडी में 3,600 मरीजों को परामर्श दिया गया।

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लेडी लायल में परेशान रहीं गर्भवती
लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय की ओपीडी बदलने से गर्भवती को परेशानी हुई। डेढ़ से दो घंटे के बाद मरीजों को परामर्श मिल सका। पैथोलाजी जांच की रिपोर्ट के लिए एक दिन बाद आने के लिए कहा गया।

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बाजार से खरीदनी पड़ीं दवाएं
एसएन और जिला अस्पताल में मरीजों को सभी दवाएं अस्पताल से नहीं मिली। एंटीबायोटिक, दर्द निवारक सहित अन्य दवाएं मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ी। ओपीडी के पर्चे पर दो से तीन तरह की दवाएं ही दी गईं।
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सांस लेने में परेशानी हो रही है, पर्चे के लिए दो घंटे लाइन में लगना पड़ा। भीड़ अधिक होने से धक्कामुक्की से तबीयत और बिगड़ गई। सभी दवाएं भी नहीं मिली हैं।
शकुंतला देवी, नूरी दरवाजा

मरीजों की संख्या अधिक होने के बाद भी पर्चे के लिए अतिरिक्त काउंटर नहीं खोले गए, पैर में चोट लग गई थी। लाइन में खड़े खड़े असहनीय दर्द होने लगा।
मनीष कुमार, जरार, बाह
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