<strong>AGRA</strong> news 'रात-रात भर तुमको गाया,सुबह छपे अखबार मेंइन्होंने बांधा समा

डॉ। रुचि चतुर्वेदी की सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुए इस कवि सम्मेलन में यश भारती से सम्मानित गीतकार डा विष्णु सक्सेना ने अपना इन पंक्तियों से समां बांध दिया। चांदनी रात में, रंग ले हाथ में, जिंदगी को नया मोड़ दें, तुम हमारी कसम तोड़ दो, हम तुम्हारी कसम तोड़ दें। हास्य कवि दिनेश दिग्गज ने श्रोताओं को अपने इस डिजिटल प्रेम से खूब हंसाया। फूल ताजा ही सजाने में लगता है, बोझ घुंघरू का उठाने में लगता है, सेल्फी लेने में तो टाइम नही लगता, टाइम तो इमेज बनाने में लगता है। कवि सम्मेलन का सफल संचालन करते हुए हास्य कवि पवन आगरी ने बॉलीवुड और पौराणिक संदर्भों से व्यंग्य किया। दुशासन द्रोपदी के सेंडिल की हील हो गया, सारा वातावरण चीर हरण के बजाय कमीज हरण में तब्दील हो गया।

ये कवि रहे मौजूद
प्रियांशु गजेंद्र, लखनऊ की साक्षी तिवारी, कवि शशांक नीरज, कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार बीपी सिंह मिलिंद ने की। अंत में इंक्रेडिबिल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति की तरफ से राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह का सम्मान महासचिव अजय शर्मा और कन्वीनर ब्रजेश शर्मा ने किया। इस अवसर पर गजेंद्र सिंह, अतुल प्रताप सिंह, कुलदीप ठाकुर, मुकेश डागुर, निशा चौधरी, अनीता चाहर, संजय बैजल, तिलक सिंह, रितु गोयल, दीक्षा रिसाल आदि मौजूद रहे।