आगरा (ब्यूरो)। इन दिनों शहर में डिजिटल अरेस्ट को आने वाले कॉल्स को लेकर लोग टेंशन में है। साइबर क्रिमिनल्स अलग-अलग तरीके से लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। अगर आपके नाम का कोई पार्सल विदेश से आने और उसमें आपत्तिजनक वस्तु होने पर कस्टम विभाग से कोई फोन आता है, तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है। हो सकता है आप ठगी के शिकार हो जाएं। इसके लिए आपको डिजिटल अरेस्ट कर मोटी रकम मांगी जा सकती है, लेकिन रुपए ना दें बल्कि कॉल करने वाले के बारे में जानकारी लें। पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से इस संबंध मेें अलर्ट जारी किया गया है।
पुलिस है तो पूछें उनका पीएनओ नंबर
हाल ही में एक महिला शिक्षिका की डिजिटल अरेस्ट के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके साइबर सेल ने लोगों को अलर्ट किया है, एसीपी सुकन्या शर्मा द्वारा एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें वे लोगों को कॉल करने वाले की आईडी पूछने की सलाह दे रही हैं। उन्होंने ये भी बताया कि पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती। अगर आपके पास कॉल आए तो सबसे पहले उसकी आईडी पूछें, अगर कोई खुद को पुलिसकर्मी बताता है तो उसका पीएनओ पुलिस नेम ऑफ नंबर पूछकर वेरीफिकेशन कर सकते हैं।
ढाई लाख की ठगी में लगी फर्जी आईडी
शुक्रवार को एक रिटायर्ड शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद ढाई लाख रुपए ठगी को क्रिमिनल्स ने अंजाम दिया था। पीडि़त महिला की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, वहीं, जांच मेें फर्जी आईडी सामने आई है। कैलाश मोड पर रहने वाले कपिल सिंघल के दो ट्रांजेक्शन में चार लाख रुपए निकाले गए। इस संबंध पीडि़त कपिल ने थाना सिकंदरा में मामले की शिकायत की है।
इस तरह भी किया जा रहा डिजिटल अरेस्ट
डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग द्वारा पीडि़त को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम का कोई पार्सल कस्टम विभाग को मिला है, जो विदेश से आया है और उसमें आपत्तिनजक सामान है। यह भी बताया जाता है कि आपके खिलाफ शिकायत मिली है या फिर मामला दर्ज किया जा रहा है। इस तरह के झूठे मामले में पीडि़त को पहले काफी डराया जाता है। जिससे वह घबरा जाता है। इसके बाद उन्हें घर से बाहर निकलने के साथ ही किसी को भी घटना के बारे में बताने से मना किया जाता है।