आगरा (ब्यूरो)। संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 1996 में जब पहली बार डेंगू के केस भारत में आए तब डेंगू से दिल्ली और आसपास के इलाकों में 10000 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। इसके उलट साल 2020 से 2022 के दौरान इनमें 1.88 लाख की वृद्धि हुई। 2020 में 44,585 से 2022 में ये संख्या 233551 हो गई। एनसीवीबीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक साल 1996 से अब तक हर साल कम से कम 1368 मौतें हुई हैं। 2023 में उत्तर प्रदेश में डेंगू से 36 मौतें दर्ज की गईं। वहीं आगरा में साल 2021 में 60 से अधिक मौतें दर्ज की गईं थीं। शहर में इस साल डेंगू के 148 केस आए हैं। जो अभी तक चिंता का विषय नहीं है। थोड़ी सी एहतियात रख कर डेंगू से बचा जा सकता है।

संवेदनशील एरिया के लिए ये है प्लान

स्वास्थ्य विभाग की टीम और नगर निगम ने डेंगू के लिए संवेदनशील माने जाने वाले एरिया के लिए विशेष प्लान बनाया है। शहर में डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए एक अभियान चला कर घरों की चेकिंग की जाएगी। चेकिंग के दौरान अगर किसी घर में लार्वा मिलेगा तो जुर्माना लगाया जाएगा। अगर पहली बार किसी घर में लार्वा मिलेगा तो 100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार किसी घर में मच्छर का लार्वा मिलेगा तो संबंधित मकान मालिक पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा यहां मलेरिया की टीमें घर घर जा कर लार्वा एकत्रित करेंगी। डेंगू के खतरे को देखते हुए ये एक्शन प्लान आगरा में बनाया गया हैं।

इतना मिला बजट

-डिस्ट्रिक हेल्थ कमेटी की अप्रैल माह की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत शहर को कुल लगभग 190 करोड़ की धनराशि आवंटित हुई थी। जिसमें से मार्च 2024 तक लगभग 135 करोड़ रुपए खर्च हो चुके थे। कमोवेश नगर निगम भी फागिंग में हर माह लगभग 24 लाख रुपए खर्च करता है। लगभग 2 करोड़ चालीस लाख रुपए नगर निगम साल भर में सिर्फ फॉगिंग पर खर्च करता है। शहर में अन्य विभागों 11 विभागों के पास भी अलग अलग मदों में डेंगू से लड़ाई के लिए बजट आता है। इसके अलावा प्रदेश में भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के लिए 2024-2025 में 7350 करोड़ का बजट प्रस्ताव किया गया है, ताकि इससे स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर बनाई जा सकें।

16 टीमों का किया गया गठन

बीते गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने शहर के कई इलाकों का दौरा किया। इस दौरान शहर के 23 घरों में डेंगू मलेरिया का लार्वा मिला था। हालांकि टीम ने इसको नष्ट करा दिया था। और लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया था। शहर से लेकर अंचल तक स्वास्थ्य विभाग की ऐसी ही अलग- अलग 16 टीमें बनाई गईं हैं। जो अलग अलग जगहों पर काम कर रही हैं। इसके अलावा फ्र ंटलाइन वर्कर आशा, एनएनम और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी ट्रेनिंग दी गई है। जिससे वे आसपास डेंगू के लार्वा की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चला सकें।

एंटी लार्वा छिड़काव के लिए चार जोन में बांटा शहर

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव वर्मा के मुताबिक संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए शहर के अलग अलग क्षेत्रों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव किया जा रहा है। नियमित रुट के अलावा भी किसी भी इन्फॉर्मेशन पर क्विक रेस्पॉन्स टीमें उस एरिया में भी जा कर एंटी लार्वा का छिड़काव करती हैं। नगर निगम की 12 गाडी सुबह के समय निकलती हैं। बड़ी गाडिय़ों पर एंटी लार्वा पानी में घोल कर पंप पाइप के प्रेशर से लंबाई तक छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा संकरी गलियों के लिए कर्मचारियों को छोटी टंकी से छिड़काव को लगाया गया है। एंटी लार्वा के बैनर भी इन गाडिय़ों पर लगाए गए हैं, जिससे लोग इसके बारे में जान सकें। इसके अलावा भी निगम की टीमें लगातार एंटी लार्वा का छिड़काव कर रही हैं।

फागिंग की ये है व्यवस्था
शहर वासियों को मच्छरों के प्रकोप बचाने के लिए नगर निगम द्वारा शहर को चार जोन में बांट कर फॉगिंग कराई जा रही है। नगर निगम के पास 12 छोटे मशीन वाहन और 2 बड़े मशीन वाहन हैं, जिनसे लगातार फॉगिंग की जा रही है। इस तरह 14 अलग अलग वाहनों को अलग अलग वार्डों में हर रोज भेजा जाता है, जिससे पूरेर में फागिंग कराई जा सके।


जिला और ब्लाक लेवल पर 16 आरआरटी टीमों का गठन किया गया है.जो मरीजों पर नजर रख रहीं हैं.इसके अलावा हर सीएससी पर पांच बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
अरुण श्रीवास्तव सीएमओ

-डेंगू के लिहाज से फतेहपुर सीकरी के संवेदनशील गांव दूरा और देवनारी में सोमवार को मेरे द्वारा विजिट कर लोगों को जागरूक किया.इसके अलावा टीमें हॉउस टू हॉउस सर्वे कर नजर रख रहीं हैं।
राजेश कुमार गुप्ता जिला मलेरिया अधिकारी