जरा समझ लें
डॉ। बीआर अंबेडकर यूनीवर्सिटी में वर्ष 1998 से पूर्व की करीब 25 हजार से अधिक डिग्री कॉलेज संचालकों और स्टूडेंट्स की प्रतिक्षा में हैं, लेकिन सालों से वह उन्हेंं लेने नहीं आ रहे। ऐसे में यूनीवर्सिटी इन सभी डिग्री का डिजिटल प्रिंट लेकर उन्हेंं ऑनलाइन करने की तैयारियां में जुटा है, जिससे स्टूडेंट्स अपनी डिग्री का ऑनलाइन सत्यापन कर उन्हेंं यूनीवर्सिटी से निकलवाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दें।
25 हजार डिग्री होंगी ऑनलाइन
यूनीवर्सिटी की कुलपति प्रो। आशु रानी ने बताया कि यूनीवर्सिटी में वर्ष 1998 से पूर्व के वर्षों की 25 हजार से अधिक डिग्रियां वर्षों से कॉलेज संचालकों और स्टूडेंट्स की प्रतिक्षा में हैं। कई बार बुलाने के बाद भी न कॉलेज संचालक इन डिग्रियों को लेने आए और न स्टूडेंट्स। जिन कुछ स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री की आवश्यकता थी, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आवेदन करके अपनी डिग्री निकला ली। वर्षों इंतजार के बाद भी जब डिग्रियां स्टूडेंट्स तक नहीं पहुंच सकी तो यूनीवर्सिटी ने नया प्रयास आरंभ किया है। सालों से यूनीवर्सिटी में रखीं इन डिग्रियों का डिजिटल प्रिंट लिया जा रहा है, इसके बाद यूनीवर्सिटी इन्हेंं अपने पोर्टल पर अपलोड करेगा, जिससे इन वर्षों के स्टूडेंट्स अपनी डिग्री का यूनीवर्सिटी के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन सत्यापन कर पाएंगे और उसके बाद यूनीवर्सिटी में आवेदन कर उसे आसानी से निकलवा पाएंगे। डिग्रियों को स्कैन कर उन्हेंं ऑनलाइन करने के लिए डाटा तैयार करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।

डिजिटल प्रिंट लेकर किया जाएगा ऑनलाइन
डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो। आशु रानी ने वर्ष 1998 से पहले की डिग्रियों को ऑनलाइन करने के आदेश दिए हैं। यूनिवर्सिटी मेें करीब 25 हजार डिग्रियां कॉलेज संचालकों और स्टूडेंट्स की पेंडिंग हैं। लेकिन सालों से वह उन्हें लेने नहीं आ रहे। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने इन सभी डिग्रियों का डिजिटल प्रिंट लेकर उन्हें ऑनलाइन करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे स्टूडेंट्स अपनी ऑनलाइन डिग्री सत्यापन कर उनको निकलवाने का प्रोसेस शुरू कर दें।


स्टूडेंट्स कर सकेंगे ऑनलाइन सत्यापन
कुलपति ने बताया कि कई बार बुलाने के बाद भी कॉलेज संचालक इन डिग्रियों को लेने आए, वहीं स्टूडेंट्स भी इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं। जिन स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री की आवश्यकता थी, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आवेदन करके अपनी डिग्री निकला ली। वर्षों प्रतीक्षा के बाद भी वितरण की प्रतीक्षा में डिग्रियों के वितरण के लिए यूनिवर्सिटी ने नया प्रयास शुरू किया है। वर्षों से रखी इन डिग्रियों का डिजिटल प्रिंट लिया जा रहा है। इसके बाद इनको यूनिवर्सिटी अपने पोर्टल पर अपलोड करेगी, जिससे स्टूडेंट्स अपनी डिग्री पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन सत्यापन कर सकेंगे। डिग्रियों को स्कैन कर उन्हें ऑनलाइन करने के लिए डाटा तैयार करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।

कोई 2 तो कोई 5 साल से लगा रहा चक्कर
भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी ने डिग्री की समस्या को दूर करने के लिए तमाम प्रयास किए, कदम उठाए। इसके बावजूद छात्र परेशान हैं। हर रोज विवि के छात्र सहायता केंद्र पर छात्र दूसरे शहरों से पहुंचते हैं। किसी को दो साल से तो किसी को पांच साल से डिग्री नहीं मिली है। यह स्थिति तब है जब विवि पांच बार डिग्री अभियान चला चुका है।

2 लाख से अधिक डिग्री हो चुकी हैं डंप
यूनिवर्सिटी में 2019 में पूर्व कुलपति डॉ। अरविंद दीक्षित के कार्यकाल में डिग्री के प्रार्थनापत्र लेने के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया था। इससे पूर्व के दो लाख से ज्यादा आवेदनों को डंप कर दिया गया था। सभी से नए सिरे से आवेदन मांगे गए और शुल्क भी ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद स्नातकस्तर के सभी अनुभागों को मिलाकर एक विभाग बना दिया गया था। जिसमें 2015 से 2020 तक तैयार डिग्रियों के वितरण के लिए पांच बार विशेष अभियान चलाया गया। इसके बाद भी हर रोज छात्र डिग्री व मार्कशीट के लिए पहुंचते हैं।


वर्ष 1998 से पहले की डिग्रियों को ऑनलाइन करने का प्रोसेस शुरू हो चुका है। यूनिवर्सिटी मेें 25 हजार से अधिक डिग्रियां पेंडिंग हैं। कॉलेज संचालकों को इस संबंध में कई बताया गया है, लेकिन उनके द्वारा कोई इंटरेस्ट नहीं लिया गया। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने इन सभी डिग्रियों का डिजिटल प्रिंट लेकर पोर्टल पर ऑनलाइन करने की पहल शुरू कर दी है।
प्रो। आशु रानी, कुलपति, डीबीआरएयू आगरा


26 साल में पेंडिंग डिग्रियां
25 हजार से अधिक
-यूनिवर्सिटी अपलोड करेगी डिग्री
1998 से पहले की