इंसास और पिस्टल से लैस होंगे जवान
कमांडेंट राम सुरेश यादव ने बताया कि आगरा मेट्रो के बाद अब शासन ने दीवानी की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी एसएसएफ को मिली। अलीगढ़ 45 वीं वाहिनी पीएसी के जवानों को शामिल कर चतुर्थ वाहिनी गठित हुई है। विशेष प्रशिक्षण के दौरान जवानों ने सीआइएसएफ की तर्ज पर काम करने का प्रशिक्षण लिया है। वर्तमान में टीम आगरा पुलिस के सहयोग से इंसास और पिस्टल के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभालेगी। अभी तक एसएसएफ मुरादाबाद, बरेली और अलीगढ़ एयरपोर्ट और आगरा मेट्रो की सुरक्षा संभाल रही है।


सुबह 9 से 6 तक अधिक रहेगी तैनाती
जनपद न्यायालय के सेंट्रल नाजिर सम्भ्रांत गोस्वामी ने बताया कि एसएसएफ का कार्यालय दीवानी परिसर और कैंप पुलिस लाइन में रहेगा। तीन शिफ्टों में जवान 24 घंटे क्रमवार तैनात रहेंगे। सुबह नौ से शाम छह बजे के बीच अधिक संख्या में जवान तैनात होंगे। सभी प्रमुख न्यायालयों के बाहर जवान तैनात रहेंगे। दीवानी परिसर में प्रवेश को गेट नंबर एक व चार से तलाशी के बाद बैग स्कैनर एवं डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) से गुजरने पर ही प्रवेश मिलेगा।

गेट नंबर तीन पर बनेगा काउंटर
फिलहाल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी रहेगी। शीघ्र ही गेट नंबर एक पर तीन काउंटर बनाए जाएंगे, जहां हाईकोर्ट की तर्ज पर वादकारियों के पास बनाकर अपने मुकदमों की पैरवी के लिए परिसर में प्रवेश मिल सकेगा। फिलहाल न्यायिक कर्मियों और अधिवक्ताओं के वाहनों को ही परिसर में प्रवेश मिलेगा।


वादकारियों के वाहनों पर रोक
वादकारियों के वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। वर्तमान में देखा गया है कि दीवानी में आने वाले वादकारी भी अपने वाहनों को लेकर परिसर में प्रवेश कर जाते हैं, ऐसे में वाहनों से परिसर में जाम के हालात पैदा हो जाते हैं। सोमवार से वादकारी वाहनों को परिसर में प्रवेश नहीं करा सकेंगे। कमांडेंट सीआइएसएफ राम सुरेश यादव ने जिला जज विवेक संगल से मुलाकात की। इसके बाद जवानों के साथ दीवानी में मार्च किया।

भविष्य में आईकार्ड, ड्रेस कोड के साथ प्रवेश
भविष्य में अधिवक्ता एवं न्यायिक कर्मियों को गले में आईकार्ड और ड्रेस कोड के साथ ही प्रवेश देने की योजना है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरा और अन्य उपकरणों के व्यापक इंतजाम किए जा चुके हैं। मंगलवार को जवानों को ट्रेंड किया गया है, दीवानी के चारों गेट की स्थिति परखी गई।