क्या है ग्रीन कॉरीडोर?
मेडिकल इमरजेंसी के दौरान ग्रीन कॉरिडोर एक विशेष तरह मार्ग है जो उस हॉस्पिटल तक के रास्ते को जीरो ट्रैफिक बनाता है। देश में अब तक बड़े शहरों में ही ग्रीन कॉरीडोर बनाकर मरीजों की जान बनाने का काम किया गया है। ऐसे में आगरा के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाने की ट्रैफिक पुलिस की पहल सराहनीय है। और इससे क्रिटिकल पेशेंट्स की जान को बचाया जा सकता है। आमतौर पर ग्रीन कॉरीडोर को उस समय बनाया जाता है जब किसी मानव अंग को ट्रांसप्लांट करना हो। इसके अलावा क्रिटिकल केयर पेशेंट को इमरजेंसी ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने के लिए भी ग्रीन कॉरीडोर को बनाया जाता है। एसीपी ट्रैफिक अरीब अहमद ने बताया कि आगरा कमिश्नरेट पुलिस पेशेंट को इमरजेंसी सर्विसेस उपलब्ध कराने के लिए कमिटेड है। अवेयरनेस की कमी है, आने वाले दिनों में इस पर बड़े स्तर पर प्रयास किया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच कंट्रोल रूम का नंबर सर्कुलेट किया जाएगा। जिससे इमरजेंसी में मरीज को कम से कम समय में ट्रीटमेंट उपलब्ध हो सके साथ ही ऑर्गन को भी ट्रांसपोर्ट किया जा सके।
जल्द होगी मॉकड्रिल
एसीपी ने बताया कि कभी-कभी ट्रैफिक मैनेजमेंट के दौरान सूचना मिलती है कि कोई एंबुलेंस जाम में फंसी है और क्रिटिकल पेशेंट उस एंबुलेंस में है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस एंबुलेंस को लेकर सेंसटिव है किंतु पूर्व में जानकारी न होने के चलते तत्काल ट्रैफिक को डायवर्ट करना मुश्किल होता है। ऐसेे में ट्रैफिक कंट्रोल रूम के नंबर 9454457886 पर कॉल करके पेशेंट के केयरटेकर तत्काल ट्रैफिक पुलिस को सूचित करें जिससे कि तत्काल ग्रीन कॉरीडोर को बनवाकर मरीज को हॉस्पिटल तक पहुंचाया जा सके। अथवा ऑर्गन को ट्रांसपोर्ट किया जा सके। एसीपी ने बताया कि जल्द ही ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर कि अलग-अलग हिस्सों में ग्रीन कॉरीडोर मॉकड्रिल भी होगी। ग्रीन कॉरीडोर की पूरी प्रक्रिया के लिए एक वीडियो भी बनाया जा रहा है। यह वीडियो लोगों को इनीशिएटिव के प्रति अवेयर करेगा।
जी-20 के दौरान दिल्ली में ग्रीन कॉरीडोर
जी-20 समिट के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में जहां मेडिकल सुविधाएं बढ़ाई गईं थी वहीं विदेशी महमानों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। अस्पताल में खास वार्ड बनाए गए हैं। मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी तैयार किए गए थे। सभी अस्पतालों में एंबुलेंस की संख्या भी बढ़ाई गई थी। इसके अलावा भी देश के अलग-अलग हिस्सों में ग्रीन कॉरीडोर से क्रिटिकल पेशेंट्स की जान बचाने का कार्य किया गया है। गत दिनों कानपुर के एक नामचीन हॉस्पिटल संचालक को एक कैजुएलिटी के दौरान ग्रीन कॉरीडोर बनाकर कानपुर लाया गया था। ग्रीन कॉरीडोर का कांसेप्ट इंडिया में 2014 में आया था। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि मुख्य रूप से मरीजों, दिल, लीवर और फेफड़ों के ट्रांसपोर्ट के लिए देशभर में ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए हैं। इसके अलावा सिर में चोट के मरीजों के इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा प्रदान की गई है।
---
मेडिकल इमरजेंसी के दौरान आगरा ट्रैफिक पुलिस ग्रीन कॉरीडोर की सुविधा मुहैया करा रहा है। शहरवासियों से अपील है कि यदि वे किसी एंबुलेंस को जान में फंसा देखे तो ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम नंबर 9454457886 पर कॉल करके सूचना दे। ट्रैफिक पुलिस तत्काल संज्ञान लेकर एंबुलेंस को ग्रीन कॉरीडोर उपलब्ध कराएगा जिससे कि कैजुएलिटी को टाला जा सकता है। रियल टाइम बेसिस पर इस प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी को चेक करने के लिए मॉकड्रिल होगी और एक वीडियो मैसेज भी लोगों के बीच प्रसारित किया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच यह सूचना पहुंच सके।-सैय्यद अरीब अहमद, एसीपी ट्रैफिक, पुलिस कमिश्नरेट, आगरा