आगरा : छावनी परिषद क्षेत्र के डंङ्क्षपग साइट में कूड़ा निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है। मार्च 2024 तक 25 टन कूड़े का निस्तारण नहीं किया गया। हर दिन कूड़ा जल रहा है। ठीक तरीके से कूड़े का उठान भी नहीं किया जा रहा है। कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को छावनी परिषद पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया। दस सितंबर तक कूड़ा निस्तारण के निर्देश भी दिए। निर्धारित अवधि में पूरे कूड़े का निस्तारण न होने पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में दोबारा दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। कूड़े को हर दिन ठीक तरीके से निस्तारण के लिए नगर निगम से अनुबंध करने के निर्देश दिए।

छावनी परिषद में है आठ वार्ड
छावनी परिषद क्षेत्र में आठ वार्ड हैं। इनमें कुल 50 हजार की आबादी है। दिसंबर 2023 में कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने मार्च 2024 तक 25 टन कूड़े के निस्तारण के निर्देश दिए थे। परिषद क्षेत्र से हर दिन 20 टन से अधिक कूड़ा निकलता है। कूड़ा ग्वालियर रोड स्थित सेवला में डंप किया जाता है। मंगलवार को कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने पर्यावरण प्रबंधन समिति की बैठक की। कमिश्नरी सभागार की बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक डंङ्क्षपग साइट से पूरी तरह से कूड़े का निस्तारण नहीं हुआ है। कमिश्नर ने नाराजगी जताते हुए दस लाख रुपए का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। सुचेता गांव में कूड़ाघर बनाने के लिए एसडीएम सदर से रिपोर्ट मांगी। कमिश्नर ने नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि गंदगी फैलाने वाले लोगों को चिह्नित किया जाए। रेलवे की बाउंड्रीवाल और ट्रैक के किनारे कूड़ा फेंकने वालों पर कार्रवाई की जाए। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन बेहतर तरीके से किया जाए। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी, नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल, एडीएम सिटी अनूप कुमार, एसडीएम अभय ङ्क्षसह, अपर नगरायुक्त एसपी यादव मौजूद रहे।


छह माह में नहीं दी रिपोर्ट, कबूतरबाजी पर नहीं लगी रोक
कमिश्नर ने आगरा एयरफोर्स स्टेशन परिसर के आसपास कबूतरबाजी के खेल को लेकर रिपोर्ट मांगी। छह माह में कुल कितने कबूतरबाजों पर कार्रवाई की गई है। बैठक में पाया गया कि छह माह से रिपोर्ट नहीं दी गई है। न ही कबूतरबाजी पर रोक लगी है। थानाध्यक्ष लोहामंडी बैठक में नहीं पहुंचे। इस पर प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए। स्टेशन परिसर के आसपास बंदरों और सियारों को पकडऩे पर जोर दिया। वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि सियारों की हलचल अधिक हो रही है। ऐसा क्यों हो रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। कमिश्नर ने वन विभाग के अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए।